इजरायल और फलस्तीन में जारी संघर्ष के बीच मिलिटेंट ग्रुप हमास एक बार फिर चर्चाओं में है. 7 अक्टूबर, 2023 को ताबड़तोड़ रॉकेट दागकर उसने इजरायल और फलस्तीन की सालों पुरानी जंग फिर छेड़ दी. हमास के हमलों की जवाबी कार्रवाई में इजरायल ने भी अपने एक से बढ़कर एक हथियार जंग के मैदान में उतार दिए हैं. हमास यानी इस्लामिक रेजीस्टेंस मूवमेंट और अरबी में इसका नाम है- हरकत अल-मुकवामा अल-इस्लामिया. हमास दावा करता है कि वह फलस्तीनियों के हक के लिए काम करता है. उसका कहना है कि इजरायल ने फलस्तीनी जमीन हथियाई है, जिसे वह हर हाल में वापस लेकर रहेगा. अपने हमलों के लिए भी वह इन्हीं कारणों का हवाला देता है.


हमास से जुड़े कुछ नेता इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चाओं में हैं. याह्या सिनवार, इस्माइल हानियेह और मोहम्मद ज़ाईफ, इन तीन नेताओं की इस वक्त सबसे ज्यादा बातें हो रही हैं. हमास की कुल 13 विंग हैं, जो पॉलिटिकल, मिलिट्री और सामाजिक मुद्दों को देखती हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और इजरायल हमास को आतंकी समूह मानते हैं, जबकि कुछ देशों में सिर्फ इसकी मिलिट्री विंग को ही आतंकी समूह माना जाता है. इजरायली राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू ने तो हमास की तुलना खूंखार आतंकी समूह आईएसआईएस से की है. हमास का गवर्निंग स्ट्रक्चर क्या है और यह कैसे काम करता है? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब-


हमास का गवर्निंग स्ट्रक्चर
हमास से जुड़ी सामान्य नीतियों को पॉलित ब्यूरो चलाता है. गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक में जहां-जहां संगठन का कब्जा है, वहां पर जमीनी मुद्दों की देख-रेख का काम स्थानीय कमेटियों के पास होता है. पोलित ब्यूरो, शूरा काउंसिल, डेलीगेशन ओॉनबोर्ड, वेस्ट बैंक अफेयर्स, इमप्रिजन्ड मेंबर्स अफेयर्स, गाजन अफेयर्स, फलस्तीन दियास्पोरिक अफेयर्स, सोशल वेलफेयर, इज़्ज़द्दीन अल-कसाम ब्रिगेड, इंडीपेंडेंट ऑपरेटिंग सेल, हमास गवर्मेंट, मंत्रालय, लोकल अथॉरिटीज और सिक्योरिटी फोर्स, हमास के हिस्से हैं.


किस विंग को कौन संभालता है
हमास का सबसे प्रमुख हिस्सा है पोलित ब्यूरो, जिसमें 15 सदस्य हैं. पोलित ब्यूरो का प्रमुख हमास का मुखिया इस्माइल हानियेह है. पोलित ब्यूरो ही हमास की रणनीति बनाता है. इसके नेता दूसरे देशों में बैठकर पूरे संगठन को कंट्रोल करते हैं. ये सदस्य संगठन की अलग-अलग विंग के प्रमुख हैं. पोलित ब्यूरो से जुड़े दो विंग हैं, डेलीगेशन अबोर्ड और शूरा काउंसिल. शूरा काउंसिल एक परामर्श बॉडी है, जो पॉलित ब्यूरो के सदस्यों को चुनती है. हालांकि, इसके सदस्यों की संख्या को लेकर कोई जानकारी नहीं है. शूरा काउंसिल से जुड़ी चार विंग- वेस्ट बैंक अफेयर्स, इमप्रिजन्ड मेंबर्स अफेयर्स, गाजन अफेयर्स, फलस्तीन दियास्पोरिक अफेयर्स हैं. ये चारों ही संगठन का बेहद अहम हिस्सा हैं और इन्हें चलाने वाले नेता भी इन दिनों काफी चर्चाओं में हैं. वेस्ट बैंक अफेयर्स को सालेह अल-अरोरी, इमप्रिजन्ड मेंबर्स अफेयर्स को सलामेह कतवई, गाजन अफेयर्स को याह्या सिनवार और फलस्तीन दियास्पोरिक अफेयर्स को संभालने की जिम्मेदारी खालेद मिशाल के पास है. गाजन अफेयर्स तीन हिस्सों के तौर पर काम करती है, सोशल वेलफेयर और इसकी मिलिट्री विंग, इज़्ज़द्दीन अल-कसाम ब्रिगेड और इंडीपेंडेंट ऑपरेटिंग सेल. गाजा पट्टी पर हमास की मिलिट्री विंग कसाम ब्रिगेड का ही कब्जा है और इसको चलाने की जिम्मेदारी मरवान इस्सा और मोहम्मद ज़ाईफ के पास है. कसाम ब्रिगेड़ को ही इजरायल में हुए ताजा हमलों का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. गाजा पट्टी में हमास सरकार चलाती है, जिसके प्रधानमंत्री इस्साम अल-दाअलीस हैं. गाजा पट्टी में हमास सरकार की नीतियां चलती हैं. इसके अंतर्गत मंत्रालय, लोकल अथॉरिटीज और सिक्योरिटी फोर्सेज हैं.


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