Israel Palestine War : भारत ने यूएन की महासभा में फिर से फिलिस्तीन का मामला उठाया. महासभा के दसवें आपातकालीन पूर्ण सत्र में इजरायल के खिलाफ जाकर भारत ने फिलिस्तीन को पूर्ण सदस्यता देने का समर्थन किया है. संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी सदस्य रुचिरा कांबोज ने 7 महीने से चल रहे युद्ध को लेकर चिंता व्यक्त की. 


उन्होंने कहा, दोनों देशों को बातचीत के माध्यम से युद्ध का समाधान निकालना चाहिए. इस लड़ाई से मानवीय संकट बढ़ता जा रहा है. इज़राइल और हमास विवाद के कारण महिलाओं और बच्चों को कठिनाइओं का सामना करना पड़ रहा है. इस युद्ध में बहुत सी जानें भी चली गई है. भारत दोनों राज्यों के समाधान का समर्थन करने के लिए तैयार है, जहां फिलिस्तीन के लोग इजरायल की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक स्वतंत्र देश में आजादी से रह सकें. स्थायी समाधान के लिए हम सभी पक्षों से शांति वार्ता करने का आग्रह करते हैं. 


खुलकर किया फिलिस्तीन का समर्थन
संयुक्त राष्ट्र की बैठक में कांबोज ने कहा कि भारत 2 राज्य समाधान का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां फिलिस्तीन के लोग सुरक्षित सीमा के भीतर एक स्वतंत्र देश में रह सकेंगे. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के आवेदन पर पुनर्विचार करने की बात कही. बता दें कि फिलिस्तीन ने पिछले दिनों यूएन की सदस्यता के लिए आवेदन किया था, जो अमेरिका के वीटो के चलते पास नहीं हो सका था. कांबोज ने कहा कि हम आशा करते हैं कि उचित समय पर इस पर पुनर्विचार किया जाएगा और संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनने के फिलिस्तीन के प्रयास को समर्थन मिलेगा.


भारत ने हमास की भी निंदा की
रुचिरा कांबोज ने हमास की भी निंदा की। 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल के ऊपर हमास ने हमला किया था. उन्होंने कहा कि आतंकवाद को सही नहीं ठहराया जा सकता है. आतंकवाद के खिलाफ भारत हमेशा रहा है. हम सभी बंधकों को बिना शर्त रिहाई की मांग भी करते हैं. कांबोज ने गाजा में अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानवीय कानूनों का पालन करने को कहा. उन्होंने कहा, इज़राइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष के कारण बड़े पैमाने पर नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की जान चली गई है. यह मानवीय संकट बिल्कुल अस्वीकार्य है.