Israel Economy Shrink: हमास के साथ जंग ने इजरायल की अर्थव्यवस्था की नींव हिला दी है. ताउब सेंटर फॉर सोशल पॉलिसी स्टडीज की रिपोर्ट के मुताबिक, इस तिमाही में इजरायल की अर्थव्यवस्था दो फीसदी गिर जाएगी. रिपोर्ट में बताया गया है कि इसकी वजह जंग से पहले फिलिस्तीनी कामगारों का काम छोड़ना है.


7 अक्टूबर को जंग छिड़ने के बाद फिलिस्तीनी कामगारों को इजरायल ने वापस गाजा या वेस्ट बैंक भेज दिया, जिसकी वजह से कई काम ठप पड़ गए.


जंग की शुरूआत के बाद सरकार ने करीब 9 लाख लोगों को सेना में सेवा देने के लिए बुला लिया है. जंग के बीच ये लोग अपने काम पर नहीं जा रहे हैं. फैक्ट्रियों का कामकाज ठप है क्योंकि हमले की वजह से उनको काफी नुकसान पहुंचा है. जानकारों का मानना है कि अगले साल भी इजरायल की अर्थव्यवस्था अगले साल महज 0.5 फीसदी बढ़ेगी.


बेरोजगारी के दलदल में फंसा इजरायल


ताइब सेंटर के मुताबिक, इजरायल में जंग के बाद से अब तक 1 लाख 91 हजार 666 लोगों ने बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन दिया है. इनमें ज्यादातर लोगों ने कहा कि उन्हें जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया है, जिसके लिए उन्हें वेतन भी नहीं दिया जाएगा. हालिया माहौल में पर्यटन, निर्माण और कृषि क्षेत्रों में कामगारों की कमी है. निर्माण उद्योग फिलिस्तीनी कामगारों पर निर्भर है. इजरायल ने कामगारों की कमी को पूरा करने के लिए कई देशों से मदद मांगी है. 


इजरायल ने भारत से 1 लाख कामगार भेजने की बात कही है. इस क्रम में हरियाणा सरकार ने इजरायल की शर्त मानते हुए 10 हजार कामगारों को भेजने का विज्ञापन निकाला है.






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