Israel Hamas War: इजरायल-हमास के बीच जारी युद्ध को डेढ़ महीने से अधिक हो चुके हैं. हालांकि अब इस जंग में एक विराम हो सकता है. दरअसल, दोनों गुटों के बीच चार दिनों के संघर्ष विराम की सहमति बनी है. समझौते के तहत फिलिस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास सात अक्टूबर को अगवा कर बंधक बनाए गए लोगों में से 50 महिलाएं और बच्चे रिहा करेगा, इसके बदले में इजरायल अपनी जेलों में बंद 150 फलस्तीनी महिलाएं और बच्चे छोड़ेगा. हालांकि समझौते में यह पहले ही तय हुआ है कि इजरायली जेलों से हत्या के आरोप में बंद किसी भी कैदी की रिहाई नहीं होगी. 


बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को इजरायल और हमास दोनों ने इस डील का आधिकारिक ऐलान किया था. इजरायल की ओर से जारी बयान में कहा गया कि चार दिनों का यह युद्धविराम आगे भी बढ़ सकता है हालांकि इसके लिए हमास को इजरायल की शर्त पूरी करनी होगी. इजरायल ने जो शर्त रखी है उसके अनुसार, अगर हर दिन हमास 10 इजरायली बंधकों को रिहा करता है तो एक एक दिन का युद्ध विराम बढ़ता जाएगा .


युद्धविराम नहीं हो पाया है लागू 


स्थानीय समयानुसार गुरुवार सुबह 10 बजे से ये युद्ध विराम लागू होना था जिसके कुछ घंटे बाद हमास इजरायली बंधकों को छोड़ता और इजरायल फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ता. लेकिन इजरायली सेना के मुख्य प्रवक्ता डेनियल हगारी ने एक ब्रीफिंग में कहा कि उन्हें नहीं पता कि युद्धविराम किस समय शुरू होगा.


सात अक्टूबर को हमास ने पहले किया था हमला 


गौरतलब है कि बीते सात अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने अचानक इजरायल पर हमला कर दिया था, जिसमें सैकड़ों बेगुनाह लोग मारे गए थे. इस दौरान हमास ने 240 लोगों को बंधक बना लिया था. जिसके बाद से इजरायल गाजा पट्टी में घुसकर जवाबी कार्रवाई कर रहा है. जिसमें अब तक 14,000 से ज्यादा नागरिक मारे जा चुके हैं और 2,700 अन्य लोग लापता हैं. मरने वालों से मासूम बच्चों और महिलाओं की तादात बहुत ज्यादा है. 


गाजा में पहुंचाई जाएगी मानवीय सहायता


चार दिनों के युद्ध विराम की खबर पर दुनिया भर के देशों ने ख़ुशी जताई है. माना जा रहा है कि इस युद्ध विराम के बीच गाजा के लिए मानवीय सहायता पहुंचाई जाएगी. ऐसे में ईंधन की कमी के चलते बंद पड़े अस्पताल दोबारा शुरू किया जाएगा. बता दें की क़तर, मिस्र और अमेरिका ने युद्ध विराम को लेकर हुई डील में अहम भूमिका निभायी है. हालांकि अभी तक इस डील के तहत युद्ध विराम नहीं हो पाया है. 


ये भी पढ़ें: चीन में फिर रहस्यमयी बीमारी, बच्चों से भरे हैं अस्पताल, WHO ने मांगी रिपोर्ट