Israel Hamas Conflict: इजरायली सेना ने दावा किया है कि गाजा युद्ध में हमास असॉल्ट राइफलों और ग्रेनेड लॉन्चरों समेत चीनी हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है. आईडीएफ ने हमास के पास ऐसा हाईटेक ऑपूर्ति भंडार मौजूद होने की बात कही है, जिसमें राइफलें और M16s के लिए कारतूस, सुनने वाले उपकरण और सामरिक सैन्य रेडियो जैसे संचार उपकरण शामिल हैं. तेल अवीव इस बात का पता लगा रहा है कि ये उपकरण हमास के हाथों में कैसे पहुंचे.
हमास तक कैसे पहुंचे चीनी हथियार?
द टेलीग्राफ ने एक इजरायली खुफिया सूत्र के हवाले से कहा, ''यह एक बड़ा आश्चर्य है क्योंकि युद्ध से पहले (चीन के साथ) संबंध बहुत अच्छे थे, लेकिन हमें भारी मात्रा में चीनी हथियार मिले हैं और सवाल यह है कि क्या ये सीधे चीन से हमास के पास आए या नहीं?''
सूत्र ने बताया, ''ये टॉप ग्रेड हथियार और कम्युनिकेशन तकनीक है, ऐसी चीजें जो हमास के पास पहले नहीं थीं, बहुत उन्नत विस्फोटक हैं जो पहले कभी नहीं पाए गए और विशेष रूप से इतने बड़े पैमाने पर.''
हथियारों में खुफिया और संचार उपकरण शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल 7 अक्टूबर को हमास की ओर से किए गए इजरायल पर हमले में हो सकता था. हमास के खिलाफ इजरायली एक्शन पर उस समय चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा था कि इजरायल की कार्रवाई आत्मरक्षा के दायरे से परे थी. चीनी विदेश मंत्री ने कहा था कि इजरायल फिलिस्तीनियों को सामूहिक दंड देना बंद कर दे.
हथियारों को लेकर विशेषज्ञ की राय
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, बाथ विश्वविद्यालय के एक रक्षा विशेषज्ञ और एक पूर्व नाटो विश्लेषक और इन्फेंट्री अधिकारी डॉ पैट्रिक बरी ने कहा, ''बेशक सवाल यह है कि क्या चीनियों को पता था कि ये (हथिायार) हमास के पास जा रहे या यह ईरान जैसे किसी तीसरे पक्ष के माध्यम से आए थे? यहां कुछ गंभीर किट है, भले ही यह भारी हथियार नहीं है. ग्रेनेड लांचर विशेष रूप से घातक सपोर्ट वेपन हैं. इस तरह के उपकरणों से हमास के लड़ाकों की मारक क्षमता काफी हद तक बढ़ जाती है.''
उन्होंने कहा, ''अगर यह बड़ी मात्रा में है तो इस बात की संभावना है कि कोई देश इसमें शामिल है और उस के ईरान के होने की ज्यादा संभावना है. ऐसा हो सकता है कि ये सामान ईरान ने चीन से खरीदा हो और हमास तक पहुंचाया हो. अन्य किसी देश के भी शामिल होने की संभावना है लेकिन काफी कम है.
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