UN Envoy on Afghanistan: अफगानिस्तान में आतंकी स्थिति की समीक्षा के लिए आए यूएन के प्रतिनिधिमंडल ने दावा किया है कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट्स (IS) ने अफगानिस्तान के सभी 34 प्रदेशों में अपने पैर पसारने शुरु कर दिए हैं. अफगनिस्तान में यूएन की प्रतिनिधि डेबोरा लियोन ने यूएन सिक्योरिटी कांउसिल को जानकारी देते हुए बताया, "तालिबान के प्रभुत्व वाले प्रदेश खुरासान में आईएस (के) लड़ाके अति सक्रिय हुए हैं और वहां पर पिछले कुछ दिनों में हत्या के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें आईएस की सीधी भूमिका पाई जा रही है."


क्या है आईएस (के) ? 
 
इस्लामिक स्टेट-खुरसान यानी आईएस (के) अफगानिस्तान के खुरसान प्रांत में इस्लामिक स्टेट आईएस की ही एक शाखा है. यह इस्लामिक स्टेट व अफगानिस्तान मे मौजूद अन्य संस्थानों से भी अधिक कट्टर और खुंखार आतंकी संगठन है. यह संगठन अफगानिस्तान में तालिबान की विरोधी शाखा है जिनका उद्देश्य लगातार तालिबान व उससे जुडे लोगों पर हमला करना है. इस संगठन ने तालिबान और पाकिस्तान के ही स्थानीय व कट्टर लड़ाकों को अपने संगठन में शामिल किया हुआ है. ये वो लडाके हैं जिनका मानना है कि तालिबान को और अधिक कट्टर होना चाहिए.  
 
इस संगठन की स्थापना वर्ष जनवरी 2015 में हुई थी. यह वही समय है जब इस्लामिक स्टेट ईरान, सीरिया और मिडिल ईस्ट के देशों में अपनी सर्वोच्च सत्ता पर था. बाद में इस्लामिक स्टेट के सभी स्वघोषित शासक यूएस-कोएलाइशन के देशों के प्रतिनिधित्व में चले लगभग चार वर्ष के युद्ध में खत्म कर दिए गए थे. संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि आतंक के प्रति तालिबान के 'ईमानदार प्रयासों' के बावजूद संसाधनो की कमी, नागरिकों की सरकार को लेकर आशंकाओं और आंतरिक राजनीतिक विचारधारा में वर्तमान संघर्ष की स्थिति के कारण भी तालिबान में इस्लामिक स्टेट्स का प्रभुत्व फिर से बढ़ रहा है. इस संबंध में दुनिया को चेताते हुए यूएन के प्रतिनिधिमंडल ने जल्द ही इस समस्या का समाधान खोजने की वकालत की है. 


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