Iran's Anti Hijab Protest: ईरान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार (26 दिसंबर) को कहा कि यूनाइटेड किंगडम से जुड़े नागरिकों की गिरफ्तारी ईरान में हाल में हुए हिजाब विरोध प्रदर्शन में कुछ देशों की विध्वंसकारी भूमिका की तरफ संकेत करती है. 


उन्होंने सात ब्रिटिश नागरिकों कि गिरफ्तारी के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि जिस देश के नागरिक को गिरफ्तार किया गया है उन देशों की इन आंदोलनों के पीछे काफी विध्वंसकारी हाथ था. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ईरान में फैले दंगों को उकसाने में इन देशों का विनाशकारी हाथ था.


क्या था ईरान का हिजाब विरोधी आंदोलन?
ईरान में 16 सितंबर को 22 साल की स्टूडेंट महसा अमिनी की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के बाद देश भर में हिजाब विरोधी आंदोलन शुरू हो गये थे. आरोप है कि ईरान की मोरैलिटी पुलिस ने महसा को ठीक ढंग से हिजाब नहीं पहनने की वजह से कस्टडी में लेकर इतना पीटा कि उसको आईसीयू में भर्ती करना पड़ गया था जहां उसकी 16 सितंबर को मौत हो गई. 


महसा की मौत के बाद पूरे देश में हिजाब विरोधी आंदोलन शुरू हो गये. हालांकि दो महीने तक लगातार चले आंदोलन के बाद सरकार को झुकना पड़ा और उन्होंने मॉरिलिटी पुलिस को खत्म कर दिया. दो महीने तक चले इस आंदोलन में 300 लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हो गये थे. 


क्या थी मोरल पुलिस?
ईरान में मॉरल पुलिस ने उन महिलाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है जो देश में इस्लामी कानून के हिसाब से कपड़े नहीं पहनते हैं या किसी भी तरह से राज्य में लागू शरिया कानून तोड़ते हैं.