इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने यहां भारत के दूतावास प्रभारी को तलब कर ‘‘उड़ने वाली भारतीय सुपर-सोनिक वस्तु’’ (Flying Indian Supersonic Object) द्वारा उसके हवाई क्षेत्र का कथित रूप से बिना उकसावे के उल्लंघन करने पर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया और घटना की विस्तृत एवं पारदर्शी जांच की मांग की.


विदेश कार्यालय (एफओ) ने एक बयान में कहा कि भारतीय राजनयिक को ‘‘उड़ने वाली भारतीय सुपर-सोनिक वस्तु’’ द्वारा उसके हवाई क्षेत्र के कथित उल्लंघन के बारे में बताया गया. यह वस्तु भारत में ‘सूरतगढ़’ से नौ मार्च को स्थानीय समयानुसार शाम छह बजकर 43 मिनट पर पाकिस्तान में घुसी थी.  बाद में यह वस्तु पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के मियां चुन्नु शहर में उसी दिन शाम छह बजकर 50 मिनट पर जमीन पर गिरी, जिससे असैन्य संपत्ति को नुकसान पहुंचा.


विदेश कार्यालय ने कहा, ‘‘भारतीय राजनयिक को बताया गया कि इस उड़ने वाली वस्तु को अविवेकपूर्ण तरीके से छोड़े जाने से न केवल असैन्य संपत्ति को नुकसान पहुंचा बल्कि इससे मानवीय जीवन पर भी खतरा पैदा हुआ.’’ उसने कहा कि इससे पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में कई घरेलू/अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को भी खतरा पहुंचा और इसके चलते गंभीर विमान दुर्घटना हो सकती थी.


पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी इस घटना पर चिंता जताई. कुरैशी ने एक बयान में आरोप लगाया कि भारत ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करके निर्दोष लोगों के जीवन को खतरे में डाल दिया क्योंकि इससे सऊदी और कतर एयरलाइंस की उड़ानें, साथ ही साथ घरेलू उड़ानें भी प्रभावित हो सकती थी.


कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान भारत के स्पष्टीकरण के बाद अपना अगला कदम तय करेगा. उन्होंने कहा कि पी -5 देशों (चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका) के दूतों को विदेश कार्यालय में बुलाया जाएगा और घटना के बारे में जानकारी दी जाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘भारत को इसके लिए जवाब देना होगा.’’


एयर वाइस मार्शल तारिक जिया ने कहा कि जिस समय पाकिस्तानी सेना द्वारा यह वस्तु उठाई गई थी, उस समय दो वायुमार्ग सक्रिय थे और कई वाणिज्यिक एयरलाइंस की उड़ानें क्षेत्र में थीं. उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप उड़ने वाली भारतीय सुपर-सोनिक वस्तु की गति और ऊंचाई को देखें, तो यह 40,000 फुट की ऊंचाई पर थी, और एयरलाइंस की उड़ान 35,000 से 42,000 फुट की ऊंचाई के बीच थी. यह यात्रियों की सुरक्षा के लिए बहुत खतरा हो सकती थी.’’


पाकिस्तान ने भारत से इस घटना की विस्तृत एवं पारदर्शी जांच करने तथा उसके नतीजे साझा किए जाने को भी कहा है.


भारत सरकार ने दिए जांच के आदेश
रक्षा मंत्रालय के बयान के मुताबिक, भारत सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और एक उच्च स्तरीय कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (जांच) के आदेश दे दिए हैं. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस बारे में जानकारी मिली है कि ये मिसाइल पाकिस्तान में जा गिरी थी. यह घटना बेहद खेदजनक है लेकिन राहत की बात ये है कि हादसे में किसी की जान नहीं गई. रक्षा मंत्रालय ने हालांकि ये नहीं बताया कि ये कौन सी मिसाइल थी और कहां से दागी गई थी, लेकिन बयान में ये जरूर कहा गया कि नियमित रख-रखाव के दौरान तकनीकी खराबी के चलते मिसाइल अचानक फायर हो गई थी. माना जा रहा है कि ये ब्रह्मोस मिसाइल थी और हरियाणा के सिरसा एयर बेस से फायर की गई थी.


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