India Maldives Tension Row: इंडिया से टेंशन के बीच मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर भारत आएंगे. गुरुवार (नौ मई, 2024) को वह एक दिन के दौरे पर यहां रहेंगे और इस दौरान उनकी भारतीय समकक्ष डॉ.एस जयशंकर से मुलाकात होगी. न्यूज एजेंसी 'यूएनआई' की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों दिग्गजों के बीच आपसी हित के द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर बात होगी.


विदेश मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान के हवाले से कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया, "इडियन ओशियन रीजन (आईओआर) में मालदीव भारत का अहम समुद्री साझेदार है. ऐसे में उम्मीद है कि विदेश मंत्री मूसा जमीर के इस दौरे से दोनों देशों के द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा."


...तो इसलिए अहम है मालदीव के विदेश मंत्री का दौरा


विदेश मंत्रालय का जिम्मा संभालने के बाद मूसा जमीर का यह पहला आधिकारिक भारत दौरा है. ध्यान देने वाली बात है कि मालवीद के विदेश मंत्री ऐसे समय पर भारत आ रहे हैं, जब इंडिया की ओर से कहा गया था कि वह 10 मई, 2024 से पहले मालदीव से अपने सैन्यकर्मियों को हटा लेगा. हालांकि, भारत के जवानों को मालदीव से पूरी तरह हटाने के लिए वहां के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (चीन समर्थक माने जाते हैं) की ओर से तय 10 मई की समय सीमा से पहले द्वीप देश (मालदीव सरकार का) की टिप्पणी आई है. वहां की सरकार ने मंगलवार (सात मई, 2024) को बताया कि भारत ने वहां से अब तक 51 सैनिकों को वापस बुलाया है.


मालदीव से अबतक कितने भारतीय सैनिक वापस आए? 


मालदीव की सरकार ने इससे पहले ऐलान किया था कि दो जत्थों में भारत के फौजी देश से रवाना हुए हैं. हालांकि, इस बारे में स्पष्ट डेटा का ब्योरा नहीं दिया गया था. राष्ट्रपति कार्यालय की मुख्य प्रवक्ता हीना वलीद ने इस मुद्दे पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए सोमवार को बताया था- अब तक कुल 51 भारतीय सैनिकों को वापस भेजा गया है. न्यूज पोर्टल 'एडिशन डॉट एमवी' ने हीना वलीद के हवाले से जानकारी दी थी, "फिलहाल देश में सभी भारतीय सैन्य कर्मचारियों को 10 मई तक मालदीव से वापस बुला लिया जाएगा. अब तक दो प्लेटफार्म पर तैनात 51 सैनिकों को वापस भेजा गया है." मालदीव सरकार के बीते ऐलान की मानें तो 88 भारतीय सैनिक देश में दो हेलीकॉप्टर, एक डोर्नियर विमान और सेनाहिया सैन्य अस्पताल में तैनात हैं.


भारतीय जवानों को वापस बुलाने पर बन चुकी है सहमति


भारत, मालदीव में तीन विमानन प्लेटफार्म्स चलाने वाले कुछ सैन्य कर्मचारियों को पहले ही वापस बुला चुका है. इन सैन्यकर्मियों की जगह भारत के असैन्य तकनीकी विशेषज्ञ ले चुके हैं. दोनों देश इससे पहले 10 मई, 2024 से पहले वहां बचे हुए भारतीय सैनिकों को हटाने पर सहमत हो चुके हैं. दोनों पक्षों की इस सिलसिले में तीन मई को नई दिल्ली में द्विपक्षीय उच्च स्तरीय कोर समूह की चौथी बैठक हुई थी.


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