Indian Troops in Maldives: मालदीव के अड्डू एयरपोर्ट पर तैनात भारतीय सैनिकों का पहल जत्था भारत के लिए रवाना हो गया है. भारतीय सैनिकों ने भारत से आई टेक्निकल टीम को हेलिकॉप्टर संचालक का काम सौंप दिया है. मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स (MNDF) के एक मीडिया अधिकारी ने अधाधु न्यूज को बताया कि जो 'भारतीय सैनिक अड्डू शहर में तैनात थे, अब वह भारत वापस चले गए हैं.' मालदीव की मुइज्जू सरकार इस कदम को मुइज्जू की जीत के तौर पर प्रचारित कर रही है.


दरअसल, मोहम्मद मुइज्जू मालदीव से भारतीय सैनिकों को बाहर करने के मुद्दे पर ही चुनाव लड़े थे और जीत हासिल की थी. मुइज्जू को चीन प्रेमी नेता के तौर पर देखा जाता है. राष्ट्रपति की सपथ लेने के बाद से भारतीय सैनिकों की वापसी को लेकर मुइज्जू लगातार प्रयास कर रहे थे. कई दौर की बातचीत होने के बाद माले और नई दिल्ली के बीच सैन्य कर्मियों की जगह असैन्य कर्मियों की तैनाती पर बातचीत बनी थी. वहीं पिछले दिनों मुइज्जू ने यह भी कहा था कि मालदीव में भारत का एक भी व्यक्ति सिविल ड्रेस में भी नहीं होगा.


भारत और मालदीव ने क्या कहा?
भारतीय असैन्य कर्मियों का दल 26 फरवरी को अड्डू एयरपोर्ट पर हेलिकॉप्टर संचालन के लिए पहुंचा था, अब इस दल ने हेलिकॉप्टर संचालन की जिम्मेदारी भी भारतीय सैनिकों से ले ली है. इस दल में 26 लोगों के शामिल होने की जानकारी दी गई है. भारत की तरफ से कहा गया था उनके 'सक्षम तकनीकी कर्मचारी' मालदीव में विमान और हेलिकॉप्टर का संचालन करेंगे. मालदीव ने कहा था हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कर्मियों में केवल नागरिक शामिल हों, हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वह कैसे तय करेंगे. 


भारत ने भेजा हेलिकॉप्टर
भारत से मालदीव पहुंचे असैन्य कर्मियों के बारे में मालदीव या भारत सरकार की किसी भी एजेंसी ने कोई जानकारी अभी तक नहीं दी है. भारतीय तकनीकी टीम की तस्वीरें भी अभी सामने नहीं आई हैं. भारत ने मालदीव को हाल ही में एक नया हेलिकॉप्टर भी भेजा है, क्योंकि अड्डू शहर में तैनात हेलिकॉप्टर को मरम्मत के लिए भारत लाया गया है. भारत ने मालदीव को तीन विमान उपहार के तौर पर दिए हैं, इसमें एक हेलिकॉप्टर, एक डॉर्नियर विमान और एक ऑफशोर पेट्रोलिंग वेसल दिया गया है. इन विमानों के जरिए भारत मालदीव के लोगों और वहां की सेना की मदद करता है.


मुइज्जू की जीत कितनी सच?
विदेश नीति के जानकारों का मानना है कि मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी मुइज्जू सरकार की जीत नहीं है, क्योंकि भारत ने अपने सभी प्लेटफॉर्मों का ऑपरेशन जारी रखा है. भारतीय सैनिक वापस भी आ गए तो वहां पर भारत के असैन्य कर्मी होंगे. ऐसे में अगर चीन मालदीव में सैन्य पैठ बनाने की कोशिश करेगा तो भारतीय कर्मी इसकी जानकारी दे सकेंगे. दरअसल, मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों के पहले जत्थे की 10 मार्च तक वापसी और 10 मई तक सभी सैन्य कर्मियों की वापसी की बात कही है. 


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