India-Maldives Tension: भारत से तनाव के बीच चीन का समर्थन करने वाले राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू के नेतृत्व वाली मालदीव सरकार की असल औकात दुनिया के सामने आ गई है. वहां के रक्षा मंत्री घासन मौमून ने कबूला है कि इंडिया से दान में मिले विमानों को उड़ाने में मालदीव के पास फिलहाल सक्षम पायलट नहीं हैं.


राष्ट्रपति कार्यालय में शनिवार (11 मई, 2024) को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान घासन मौमून से दो हेलीकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान ऑपरेट करने के लिए मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों की वापसी और उनकी जगह भारत के असैनिकों के आने से जुड़ा सवाल किया गया था.


"मालदीव का कोई भी सैन्यकर्मी नहीं है जो दान में..."


मालदीव के रक्षा मंत्री के मुताबिक, मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) के पास मालदीव का कोई सैन्यकर्मी नहीं है जो भारतीय सेना की ओर से दान में दिए गए तीन विमानों को चला सके. हालांकि, कुछ सैनिकों को पिछली सरकारों के समझौतों के तहत उड़ान का प्रशिक्षण देना शुरू किया गया था.


रक्षा मंत्री घासन मौमून ने और क्या कुछ बताया? जानिए 


न्यूज पोर्टल ‘अधाधू डॉट कॉम’ की रिपोर्ट में बताया गया कि घासन मौमून ने कहा- यह एक प्रशिक्षण था, जिसके लिए विभिन्न चरण को पार करना जरूरी था. हमारे सैनिक कई कारणों से इसे पूरा नहीं कर पाए. ऐसे में फिलहाल हमारे सैन्य बल में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है, जिसके पास दो हेलीकॉप्टर और डोर्नियर को उड़ाने के लिए लाइसेंस हो या पूरी तरह से उड़ान की ट्रेनिंग हो.


भारतीय जवानों के मालदीव छोड़ने के बाद आया बयान


मालदीव के रक्षा मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे वक्त पर आई है, जब मोहम्मद मुइज्जू के आदेश के बाद भारत के 76 रक्षाकर्मियों ने देश छोड़ दिया था. मालदीव के राष्ट्रपति की ओर से 10 मई, 2024 तक मालदीव में तीन विमानन प्लेटफॉर्म चलाने वाले सभी भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस भेजने पर जोर देने के बाद दोनों देशों के संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था. 


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