Iran Chabahar Port : ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत के बाद दुनियाभर के देशों ने दुख जताया है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं. राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत से एक सप्ताह पहले ही भारत ने ईरान के साथ एक बड़ी डील की थी. इस डील के जरिए भारत को चाबहार बंदरगाह का संचालन के लिए 10 साल का अधिकार मिला था. इसके बाद अमेरिका ने भी भारत को प्रतिबंध की धमकी दी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रईसी की मौत पर कहा कि भारत-ईरान के संबंधों को मजबूत करने में उनका योगदान याद रखा जाएगा.


क्या होगा चाबहार डील का, भारत पर क्या पड़ेगा असर
भारत और ईरान के संबंध काफी अच्छे रहे हैं. हाल ही के दिनों में चाबहार पोर्ट को लेकर डील हुई थी. ऐसे में राष्ट्रपति की मौत के बाद भारत और ईरान के संबंधों पर क्या असर पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी. आगे देखना होगा कि आने वाले नए राष्ट्रपति इसे कैसे ले जाते हैं. नॉर्थ साउथ कॉरिडोर रूस के बॉर्डर से लेकर ईरान के चाबहार तक जाता है.ये पोर्ट तो तैयार हो चुका था, लेकिन कौन इसको ऑपरेट करेगा, इसके ऊपर संशय बना हुआ, लेकिन पिछले सप्ताह ही इसे भारत को ऑपरेट करने का अधिकार मिल गया था. रईसी के जाने के बाद ईरान के अन्य देशों के साथ संबंध पहले की तरह ही रहने की संभावना है, क्योंकि देश में नीतियों पर कोई भी फैसला पहले की तरह सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ही लेंगे. रविवार को ही खामेनेई ने कह दिया था कि ईरान के लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. सरकार बिना किसी व्यवधान के काम करेगी.


अमेरिका की बढ़ने वाली है टेंशन
अमेरिका ने रईसी की मौत पर अभी तक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन पहले अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि राष्ट्रपति बाइडन को हादसे के बारे में जानकारी दी गई थी. पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका और ईरान के संबंध में कई उतार चढ़ाव देखे गए. पहले ओबामा के कार्यकाल में परमाणु कार्यक्रम पर एक समझौता हुआ, जिसे 2018 में डोनाल्ड ट्रंप ने वापस ले लिया और तेहरान पर कड़े प्रतिबंध लागू किए.रईसी की मौत से क्षेत्र में और अस्थिरता पैदा होने का खतरा है, ऐसे में अमेरिका इलाके में शांति सुनिश्चित करने की कोशिश करेगा.