China Vs America : चीन एक बार फिर अपनी डील कैंसल होने से तिलमिलाया हुआ है. अर्जेंटीना को अपना फाइटर प्लेन बेचने में चीन नाकाम रहा है. अब चीन अपना युद्धपोत सऊदी अरब को बेचने के लिए सारी प्लानिंग कर चुका था, लेकिन रियाद ने बीजिंग का ऑफर ठुकराकर स्पेन के साथ डील फाइनल कर ली. सऊदी अरब से डील टूटने के बाद चीन तिलमिलाकर रह गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, अर्जेंटीना में चीन का गेम खराब करने वाला अमेरिका ही था. अमेरिका अब सऊदी अरब में भी उसके लिए बाधा बन गया. रिपोर्ट में ये भी दावा है कि अमेरिकी दबाव के चलते ही रियाद ने चीन से जहाज खरीदने का फैसला बदल दिया. सऊदी अरब की मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि स्पेन से समझौते के बाद चीनी युद्धपोत 052D के लिए मौके खत्म हो गए. स्पेन के युद्धपोत अगले 10 वर्षों में सऊदी नौसेना की रीढ़ बनने वाले हैं. 


अमेरिका ने तुड़वाई डील !
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि अगर सऊदी अरब चीन से 052D युद्धपोत खरीद लेता तो उसकी नौसेना की ताकत दुनिया के टॉप 3 देशों में शामिल हो जाती. अमेरिका ने सऊदी अरब को चीनी युद्धपोत खरीदने पर प्रतिबंध की धमकी दी थी. चीनी मीडिया ने भी अमेरिकी दबाव का जिक्र करते हुए वाशिंगटन की आलोचना की थी. इसमें कहा गया था कि अमेरिका किसी भी छोटे देश को उभरते हुए नहीं देखना चाहता. अमेरिका ने 052D की खरीद पर सऊदी अरब को धमकी दी थी. 


इसलिए खास थे चीनी युद्धपोत 
अगर सऊदी अरब इस डील को पूरा कर लेता तो उसकी ताकत बहुत ज्यादा बढ़ जाती, इसलिए अमेरिका ने इसमें अड़ंगा लगा दिया. अगर ये सौदा होता तो मध्य पूर्व में एक बड़ा परिवर्तन होता, क्योंकि सऊदी अरब अपने पुराने सहयोगी अमेरिका को छोड़कर विरोधी चीन से हाथ मिला रहा होता. इस युद्धपोत की बात करें तो यह 7500 टन वजनी था. 052D युद्धपोत लुयांग 3-क्लास विध्वंसक के रूप में भी जाना जाता है, जो गाइडेड मिसाइलों से लैस है. युद्धपोत का एईएसए रडार इसकी निगरानी और ट्रैकिंग क्षमताओं को बढ़ाता है.