नई दिल्लीः उत्तर कोरिया ने धमकी दी है कि वह प्रशांत महासागर में अपना सबसे शक्तिशाली हाइड्रोजन बम फोड़ेगा, जो परमाणु बम से कई गुना ज्यादा खतरनाक होता है. ये काम उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन कर सकता है क्योंकि उसके सनकी होने के कई उदाहरण पिछले लंबे समय से दिख रहे हैं.


कहा जा रहा है कि जब तानाशाह किम जोंग उन का हाइड्रोजन बम प्रशांत महासागर में फूटेगा तो भारी तबाही होगी. इतनी ऊंची-ऊंची लहरें उठेंगी जिनसे खतरनाक सुनामी पैदा होगी. अगर उत्तर कोरिया की धमकी हकीकत में बदली तो उसके नतीजे बहुत भयानक होंगे और इससे भारत भी प्रभावित हो सकता है.


क्यों दी है हाइड्रोजन बम फोड़ने की धमकी?
संयुक्त राष्ट्र संघ में अपने पहले ही संबोधन में डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया को मिट्टी में मिला देने की धमकी दी थी. जब ट्रंप ने उत्तर कोरिया को बर्बाद करने की धमकी दी थी. अमेरिकी राष्ट्रपति की धमकी के बाद उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री, री योंग हो ने ईंट का जवाब पत्थर से देने के अंदाज में बयान दिया. पिछले कुछ सालों में दो देशों के नेताओं के बीच ऐसी बातचीत की मिसाल शायद ही देखने को मिली है. दोनों देश के नेता एक दूसरे के लिए बेहद तीखी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं.


दक्षिण कोरिया, जापान में मचेगी तबाही
जानकारों का मानना है कि 6 परमाणु बम विस्फोट कर चुका उत्तर कोरिया ऐसा कर सकता है. वो या तो लड़ाकू विमान से हाइड्रोजन बम को गिरा सकता है या फिर मिसाइल से भी हाइड्रोजन बम को प्रशांत महासागर में फोड़ सकता है. यहां आपको बता दें कि उत्तर कोरिया ने अगर प्रशांत महासागर में हाइड्रोजन बम विस्फोट किया तो सुनामी से अमेरिकी दोस्त दक्षिण कोरिया, जापान तबाह हो सकते हैं.


भारत पर भी होगा असर
अब यहां सवाल ये है कि अगर उत्तर कोरिया ने प्रशांत महासागर में बम फोड़ा. तो क्या क्या उससे भारत भी प्रभावित होगा. ये सवाल इसलिए आया क्योंकि जब जापान में सुनामी आई थी तो भारत में भी अलर्ट जारी किया गया था. यही नहीं जब इंडोनेशिय़ा में सुनामी ने आई थी तब चेन्नई तक इसका असर देखने को मिला था. ऐसे में अगर उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम का असर भारत तक हो सकता है.


समंदर में विस्फोट से आते हैं भूकंप, भूस्खलन और सुनामी
आपको बता दें कि दुनिया में अबतक 2000 से ज्यादा बाद परमाणु बम विस्फोट किए जा चुके हैं. जिसमें से 100 समंदर में किए गए हैं. लेकिन पर्यावरण को नुकसान को देखते हुए 1963 में इस पर बैन लगा दिया गया. आपको बता दें कि महासागर में जब भी परमाणु बम विस्फोट किए गए. तो उससे भूकंप, भूस्खलन और सुनामी आई है. लेकिन ये परमाणु विस्फोट समंदर में निर्जन इलाकों में किए गए. जिससे जान और माल का कम नुकसान हुआ. हालांकि इस बार मामला अलग है. उत्तर कोरिया अगर प्रशांत महासागर में हाइड्रोजन बम फोड़ा गया तो उससे होने वाली तबाही इस पर निर्भर करेगी कि वो हाइड्रोजन बम कितना शक्तिशाली है और उत्तर कोरिया उसे किस जगह फोड़ता है.


पाकिस्तान ने दिया था उत्तर कोरिया को परमाणु बम का डिजाइन
यहां हम आपको एक बार फिर याद दिला दें कि उत्तर कोरिया जिस हाइड्रोजन बम से तबाही की धमकी दे रहा है. उसे बनाने में पाकिस्तान का बहुत बड़ा रोल रहा है. पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो अपने पर्स में परमाणु बम बनाने का डिजाइन उत्तर कोरिया लेकर गई थीं और इसके बदले में उत्तर कोरिया ने पाकिस्तान को नोडोंग मिसाइल दी थी. कहा जाता है कि मिसाइल को बेनजीर भुट्टो अपने हवाई जहाज में रखकर लाई थीं. दुनिया को खतरे में डालने वाले इस काम में चीन ने दोनों ही देशों का भरपूर समर्थन किया. जिसका नतीजा ये है कि आज एक तानाशाह दुनिया को तबाह करने की धमकियां दे रहा है.


दुनिया को लड़ाई के मुहाने पर धकेलना चाहता है सनकी तानाशाह
किम जोंग उन अमेरिका को धमकाने के लिए मिसाइल छोड़ सकता था या एक और परमाणु बम विस्फोट कर सकता था. इसके अलावा जापान के ऊपर से एक और मिसाइल छोड़ सकता था पर उसने प्रशांत महासागर के भीतर ही हाइड्रोजन बम फोड़ने की बात ही कही है. इससे साफ है कि वो जान और माल दोनों का नुकसान पहुंचाना चाहता है और दुनिया को लड़ाई के मुहाने पर धकेलना चाहता है.


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