Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच  करीब दो साल से युद्ध चल रहा है. इस युद्ध का रूस पर बहुत ज्यादा असर पड़ सकता है और अगले 10 सालों में वह पिछड़े देशों में भी शामिल हो सकता है. ये अनुमान अटलांटिक काउंसिल स्कोरॉफ्ट सेंटर फोर स्ट्रेटजी एंड सिक्योरिटी ने लगाया है. अटलांटिक काउंसिल ने डेढ़ सौ से ज्यादा एक्सपर्टस के साथ अमेरिका और यूरोपीय देशों के आम नागरिकों से बात करने के बाद एक लिस्ट जारी की, जिसमें उन देशों के नाम हैं, जो अपने अभी के हालातों की वजह से अगले 10 सालों में या तो विफल हो जाएंगे या फिर आंतरिक रूप से टूट सकते हैं.


रिपोर्ट में 167 एक्सपर्ट्स ने भू-राजनीति, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक अर्थव्यवस्था, सामाजिक और राजनैतिक गतिविधियां और अन्य चीजों को लेकर अपने विचार साझा किए हैं. लिस्ट में सबसे ऊपर रूस का नाम है जिसे लेकर 46 फीसदी लोग ऐसा मानते हैं कि वह आने वाले दस सालों में यानी 2033 तक या तो एक विफल देश बन जाएगा या टूट जाएगा.


बहुत बड़े डाउनफॉल का सामना कर सकता है रूस?
रिपोर्ट में लोगों का ऐसा मानना है कि रूस का यूक्रेन के विरुद्ध जो युद्ध चल रहा है, उसकी वजह से दुनिया के सबसे बड़ा परमाणु हथियार वाला देश बहुत बड़े डाउनफॉल का सामना कर सकता है. 21 फीसदी लोगों का यह कहना है कि रूस एक दशक में विफल देश के तौर पर नजर आएगा. 40 फीसदी लोगों का यह भी मानना है कि रूस को सिविल वॉर, राजनैतिक विघटन या अन्य कारणों की वजह से आंतरिक विघटन का सामना करना पड़ेगा.  49 फीसदी यूरोपीय और 36 फीसदी अमेरिकियों ने रूस को लेकर ऐसी भविष्यवाणी की है.


10 साल में परमाणु हथियार का इस्तेमाल कर सकता है रूस?
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अगले 10 सालों में रूस परमाणु हथियार का इस्तेमाल कर सकता है, जिसकी वजह से उसे देश में आंतरिक विघटन और विफलता का सामना करना पड़ेगा. रूस को लेकर की गई इस भविष्यवाणी को लेकर 10 फीसदी लोग इस तरह भी देख रहे हैं कि इस अवधि के अंत तक किसी एकतांत्रिक देश की लोकतांत्रिक देश बनने की संभावना है.


लिस्ट में और किन देशों का नाम?
रूस के अलावा लिस्ट में अफगानिस्तान, पाकिस्तान, वेनेजुएला, संयुक्त राज्य अमेरिका, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, हैती, नाइजीरिया, लेबनान, म्यांमार का भी नाम है. अफगानिस्तान को लेकर 10 फीसदी, पाकिस्तान और वेनेजुएला को लेकर 8-8 फीसदी, जबकि अमेरिका को लेकर 7 फीसदी लोगों का ऐसा कहना है कि अपने आज के हालातों की वजह से ये देश 10 सालों में विफल देश बन सकते हैं. सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, हैती और नाइजीरिया को 3-3 फीसदी, जबकि लेबनान और म्यांमार को लेकर 2-2 फीसदी लोगों ने ऐसी भविष्यवाणी की है.


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