Indian Army: भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि देश की सुरक्षा न तो आउटसोर्स (बाहर से सेवाएं लेना) की जा सकती है और न ही यह दूसरों की उदारता पर निर्भर रह सकती है. मंगलवार (23 अप्रैल, 2024) को यह बात उन्होंने देश की राजधानी नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कही.


ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) के नौवें नेशनल लीडरशिप कॉन्क्लेव में डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता की अहमियत पर जोर देते हुए जनरल मनोज पांडे बोले कि क्षमता के विकास की बात करें तो हम अहम टेक्नोलॉजी इंपोर्ट (आयात) कर रहे हैं और उन देशों पर निर्भर हैं जिनके पास ये हैं. ऐसे में हमें यह साफ होना चाहिए कि हम हमेशा एक टेक्नोलॉजी साइकिल (प्रौद्योगिकी चक्र) से पीछे रहेंगे.


"युद्ध में जाने से नहीं हिचकिचाएंगे देश"


चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने यह भी बताया, "हाल-फिलहाल के जियो-पॉलिटिकल (भू-राजनीतिक) घटनाक्रमों ने दिखाया कि जहां राष्ट्रीय हितों का सवाल है, देश युद्ध में जाने से नहीं हिचकिचाएंगे. इन विकासों ने कठोर शक्ति की प्रासंगिकता की फिर से पुष्टि की है."


इंडियन आर्मी का क्या है आगे का विजन?


आर्मी चीफ ने कार्यक्रम के दौरान सेना के विजन के बारे में भी बताया. वह इस बारे में बोले- आर्मी का आगे का विजन खुद को आधुनिक, फुर्तीली, अनुकूलक, टेक्नोलॉजी से चलने वाली और आत्म निर्भर बनाना है. हमारा यह भी मकसद है कि हम राष्ट्र हितों की रक्षा करते हुए अलग-अलग किस्म के माहौल में पूरी क्षमता के साथ युद्ध जीत सकें.   


अभी इतनी बड़ी है स्वदेशी डिफेंस इंडस्ट्री


प्रोग्राम के दौरान जनरल मनोज पांडे ने यह भी जानकारी दी- हमारे पास मौजूदा समय में 340 स्वदेशी डिफेंस इंडस्ट्री हैं, जो कि 2025 तक 230 कॉन्ट्रैक्ट्स के पूरा होने की दिशा में काम कर रही हैं और इनमें 2.5 लाख करोड़ रुपए का खर्च शामिल है.


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