Germany tone changed: हाल ही में जर्मनी की तरफ से अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर तल्ख बयान आया था. जिसपर भारत की तरफ से कड़ी आपत्ति जताई गई थी. भारत के गरम रुख को देखते हुए जर्मनी ने अपने कदम पीछे खींचने शुरू कर दिए हैं. बर्लिन की तरफ से बयान आया है कि वह भारत के साथ भरोसे के साए में रहकर काम करना चाहता है. यही नहीं जर्मनी की तरफ से रिश्तों को भी लेकर बात कही गई है. उसका कहना है वह आपसी मजबूत रिश्तों को बढ़ाकर उसे और आगे तक ले जाना चाहता है. 


हाल ही में दिल्ली के सीएम की गिरफ्तारी पर जर्मनी की तरफ से टिप्पणी की गई थी. जिसके बाद भारत ने वहां के राजनयिक को बुलाकर तलब किया था. इस दौरान दोनों देशों के बीच साफ तनाव दिख रहा था. 


भारत और जर्मनी के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए बीते बुधवार (27 मार्च 2024) को जर्मन विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने भारतीय संविधान में अपना विश्वास प्रकट किया. प्रवक्ता का कहना है भारतीय संविधान और मैं इस मामले को अपनी-अपनी दृष्टिकोण से बयां कर सकते हैं. 


प्रवक्ता ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भारतीय संविधान मौलिक मानवीय मूल्यों और स्वतंत्रता की गारंटी देता है. जर्मनी एशियाई महाद्वीप पर एक भागीदार के रूप में लोकतांत्रिक मूल्यों का समर्थन करता है. 


जर्मन प्रवक्ता ने बताया कि बीते शनिवार (24 मार्च 2024) को इस मुद्दे पर वहां की मंत्रालय में बात हुई है. मेरा पूरा विश्वास है कि भारत और जर्मनी भविष्य में एक साथ रहने में दिलचस्पी रखते हैं. 


हाल ही में अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से कथित शराब नीति घोटाले में गिरफ्तार किया गया है. जिसके बाद अमेरिका के साथ-साथ जर्मनी ने अपना बयान दिया था.


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