FATF Grey List:  FATF ने बर्लिन में हुई समीक्षा बैठक के बाद पाकिस्तान (Pakistan) को फिलहाल ग्रे-लिस्ट में बनाए रखने का फ़ैसला किया है. साथ ही पाकिस्तान की तरफ़ से उठाए हए कदमों की पड़ताल के लिए ऑन साइट समीक्षा का प्रस्ताव रखा है. इस ऑन साइट विज़िट के बाद ही ग्रे लिस्ट के हटाने पर कोई फ़ैसला किया जाएगा.


हालांकि FATF ने पाकिस्तान की तरफ़ से उठाए गए कदमों का स्वागत किया है. साथ ही संतोष जताया है कि पाकिस्तान ने सभी 34 एक्शन प्वाइंट बिंदुओं पर की गई कार्रवाई को स्वीकार किया है.


ऑन साइट समीक्षा के मायने


यह सामान्य है कि FATF की समीक्षा में एक्शन प्लान पर सहमति और किसी देश की तरफ़ से उठाए गए कदमों पर ऑन साइट चैक हो. इसके लिए टीम जाती है और यह आकलन किया जाता है कि संबंधित देश ने जो कदम उठाए हैं वो स्थाई और कारगर हैं या नहीं. इसके बाद ही FATF उस देश को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने के बारे में कोई फ़ैसला कर सकता है.


FATF के अध्यक्ष मार्कस प्लेयर (Marcus Pleyer) ने कहा कि दो ऑन साइट होंगी, दो एक्शन प्लान के आधार पर होंगे. हालांकि हम अभी यह नहीं बता सकते हैं कि यह निगरानी दौरा कब होगा. लेकिन निश्चित तौर पर FATF की अक्टूबर में होने वाली अगली बैठक से पहले होगा. इस ऑन साइट विज़िट के बाद ही FATF पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट से बाहर करने के बारे में कोई निर्णय करेगा. इसके लिए एक विशेषज्ञों की टीम को भेजा जाएगा.


2018 से ग्रे लिस्ट में है पाकिस्तान


पाकिस्तान (Pakistan) मनी लॉन्ड्रिंग पर रोक लगाने में विफल रहने और टेरर फंडिंग के कारण पेरिस स्थित ‘वित्तीय कार्रवाई कार्यबल’ (एफएटीएफ) की ‘ग्रे’ सूची में 2018 से है. उसे अक्टूबर 2019 तक पूरा करने के लिए एक कार्ययोजना दी गई थी. हालांकि, एफएटीएफ के आदेशों का पालन करने में विफल रहने के कारण देश अब भी इस सूची में बना हुआ है.


पाकिस्तान के ‘ग्रे’ सूची में बने रहने से उसके लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और यूरोपीय संघ से वित्तीय सहायता प्राप्त करना मुश्किल होता जा रहा है, जिससे देश के लिए समस्याएं और बढ़ रही हैं.


एफएटीएफ (FATF) एक अंतर-सरकार संस्था है. इसकी स्थापना 1989 में धन शोधन, आतंकवाद वित्त पोषण और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिए जो खतरे हैं, उनसे निपटने के लिए की गई थी. एफएटीएफ के वर्तमान में दो क्षेत्रीय संगठन यूरोपीय आयोग और खाड़ी सहयोग परिषद सहित 39 सदस्य हैं. भारत, एफएटीएफ परामर्श और उसके एशिया प्रशांत समूह का सदस्य है.


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