यूरोपीय संघ के ड्रग रेगुलेटर ने कहा है कि उसने एस्ट्रेजनेका के कोरोना वायरस रोधी टीके और रक्त में दुर्लभ थक्कों की समस्या के बीच ‘‘संभावित संपर्क’’ ढूंढ़ लिया है. हालांकि इसने यह भी कहा कि जोखिमों की तुलना में इस टीके के अब भी लाभ अधिक हैं.


यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी ने बुधवार को जारी एक बयान में 18 साल और इससे अधिक आयु के लोगों के लिए टीके के इस्तेमाल को लेकर किसी नए प्रतिबंध की घोषणा नहीं की. इस सप्ताह के शुरू में एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि विश्वभर में एस्ट्रेजेनेका के टीके और हजारों लोगों में से दर्जनों में रक्त के दुर्लभ थक्कों के बीच एक कारणात्मक संपर्क मिला है.


एम्सटर्डम आधारित एजेंसी के स्वास्थ्य जोखिम एवं टीका रणनीति के प्रमुख मार्को कैवलेरी ने मंगलवार को रोम के एक अखबार से कहा, ‘‘यह कहना बहुत मुश्किल होता जा रहा है कि एस्ट्रेजेनेका के टीकों और प्लेटलेट कम होने से जुड़े रक्त के अत्यंत दुर्लभ थक्कों के बीच कोई कारणात्मक संपर्क नहीं है.’’ एजेंसी ने कहा कि उसका मूल्यांकन अभी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा है और वर्तमान में समीक्षा जारी है.


ब्रिटेन में बच्चों पर चल रहा ट्रॉयल रोका गया


ब्रिटेन ने एस्ट्राजेनेका कोरोना वायरस वैक्सीन का बच्चों पर किया जाने वाला ट्रायल रोक दिया है. इस टीके को बनाने में सहयोग करने वाली ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने एक बयान जारी कर कहा है कि ब्रिटेन की दवा नियामक एजेंसी जब तक वैक्सीन के इस्तेमाल से ब्लड क्लॉटिंग की संभावना का आंकलन नहीं कर लेती, तब तक परीक्षण नहीं किया जाएगा. हम MHRA, (Britain's Medicines and Healthcare products Regulatory Agency) द्वारा वैक्सीन के इस्तेमाल से खून का थक्का जमने की क्षीण संभावना पर अतिरिक्त जानकारी मिलने का इंतजार करेंगे.


एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लेने के बाद ब्रिटेन में 30 लोगों में ब्लड क्लॉटिंग की समस्या पाई गई थी. इसके चलते 7 लोगों की मौत भी हो गई थी. हालांकि ब्रिटेन की दवा नियामक एजेंसी MHRA ने कहा है कि इस वैक्सीन के खतरे की तुलना में इसके फायदे अधिक हैं. पूरे विश्व में कई स्वास्थ्य एजेंसियों की नज़र इस बात पर है कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन से ब्लड क्लॉटिंग की संभावना किस हद तक है. यूरोप और नॉर्वे में वैक्सीनेशन के बाद रक्त में खून के थक्के जमने के कई मामले प्रकाश में आए थे.


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