पेरिस: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने बुधवार को अपने देश को एक नए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है. लेकिन उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान स्कूल और कुछ कार्यस्थल खुले रहेंगे. कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के चलते ये नए लॉकडाउन का ऐलान किया गया है. कोविड-19 मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी के चलते यूरोप के अस्पताल भरने लगे हैं.


फ्रांसीसी नेता ने कहा कि कोविड-19 का मुकाबला करने का लॉकडाउन ही एकमात्र तरीका है. यहां शुक्रवार से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू हो जाएगा. इस दौरान फ्रांस के सभी रेस्तरां, बार और गैर-आवश्यक व्यवसाय बंद रहेंगे. हालांकि फैक्ट्रीज, खेती और कंस्ट्रक्शन का काम जारी रखा जा सकता है. इसके अलावा नर्सिंग होम भी खुले रहेंगे.


फ्रांस कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित पांचवा देश
फ्रांस कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित पांचवा देश है. वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, मंगलवार को फ्रांस में महामारी से 530 लोगों की मौत हो गई और 33,417 नए मामले सामने आए. फ्रांस में संक्रमितों की कुल संख्या 12 लाख से ज्यादा है और 35 हजार से लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. फ्रांस में कोरोना रिकवरी रेट बहुत कम है. केवल 1 लाख 13 हजार लोग ही ठीक हुए हैं, 10 लाख से ज्यादा का इलाज चल रहा है. भारत से तुलना करें, तो यहां 80 लाख संक्रमितों में से 73 लाख मरीज रिकवर हो चुके हैं.


बेल्जियम, नीदरलैंड, स्पेन और चेक गणराज्य में भी संक्रमण के मामलों में इसी तरह की बढ़ोतरी हो रही है. जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल भी देश के 16 राज्यों के गवर्नरों पर आंशिक लॉकडाउन की घोषणा करने का दबाव बना रही हैं. जर्मनी में नए प्रतिबंधों की योजना का विरोध हो रहा है और हजारों लोग बर्लिन के ब्रांडनबर्ग गेट क्षेत्र में प्रदर्शन कर रहे हैं.


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