Covid 19: कोरोना वायरस का कहर कब वापस आ जाए इसका सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता. अभी चाइना में कोरोना ने जमकर तांडव मचाया है. दूसरी लहर में कोरोना ने भारत को बुरी तरह से प्रभावित किया था. वैज्ञानिक कोरोना को लेकर नए नए रिसर्च कर रहे हैं और नई नई बातें सामने आ रही हैं. 


एक नए रिसर्च के अनुसार, कोरोना पॉजिटिव हुए कुछ मरीजों को पोस्ट कोविड में भी दिक्क्तों का सामना करना पड़ सकता है. वायरस ने शरीर पर गहरा असर छोड़ा है, जिससे जल्दी उबर पाना मुमकिन नहीं है. गौरतलब है कि पोस्ट कोविड से परेशानी के कई मामले सामने आ चुके हैं. नए रिसर्च में पाया है कि कोविड-19 रोगियों में संक्रमित होने के बाद कम से कम 18 महीने तक मौत का खतरा बढ़ जाता है. 


इससे पहले भी ऐसे कई मामले आ चुके हैं , जिनमें देखा गया है कि महामारी से उबरने के बाद भी लोगों की मौत हो गयी है. यह रिपोर्ट उन लोगों के लिए चिंताजनक है जिन्हें कोरोना पॉजिटिव हुए 18 महीने से कम समय हुआ है. वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना के वायरल का प्रभाव करीब अठारह महीने तक शरीर को प्रभावित करता है. इसी बीच मौका मिलते ही शरीर पर अटैक करता है, जिसमें जान भी जा सकती है. 


बढ़ जाता है मौत का खतरा 


यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी की एक पत्रिका, कार्डियोवास्कुलर रिसर्च में प्रकाशित लगभग 1 लाख 60 हजार लोगों पर अध्ययन के बाद पाया गया है कि वो लोग जो कोरोना के शिकार हो चुके हैं उनमें सामान्य लोगों की अपेक्षा हृदय संबंधी रोग विक्सित होने के चांस बढ़ जाते हैं. इस वजह से उनमें मौत का खतरा बढ़ जाता है. 


हांग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर इयान सीके वोंग ने कहा है कि कोविड-19 वाले रोगियों को करीब एक साल तक ठीक से निगरानी रखनी चाहिए.असंक्रमित व्यक्तियों की तुलना में संक्रमित व्यक्तियों में संक्रमण के पहले तीन हफ्तों में कोविड-19 रोगियों के मरने की संभावना 81 गुना अधिक और 18 महीने बाद तक पांच गुना अधिक है. 


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