Global Heating: एक इंसान को हेल्दी लाइफ जीने के लिए अच्छी नींद लेने की सलाह दी जाती है. लेकिन जलवायु संकट के चलते बढ़ते तापमान ने दुनिया भर की नींद उड़ाकर रखी है. ये हम नहीं कह रहे हैं ये बात एक स्टडी में सामने आई है. एक शोध में पाया गया है कि ग्लोबल हीटिंग की वजह से रात के समय तापमान बढ़ जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि दिन में जो तापमान होता है उससे अधिक तापमान रात को पाया गया है जिसकी वजह से रात को सोने में परेशानी आ रही है और इस तरह से एक इंसान साल में 44 घंटे की कम नींद ले रहा है.

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हैरान करने वाली बात ये है कि ये जलवायु परिवर्तन इसी तरह होता रहा तो धीरे-धीरे पृथ्वी इतनी गर्म हो जाएगी कि रात को सोना मुश्किल हो जाएगा. शोधकर्ताओं ने 68 देशों में 47 हजार लोगों की कलाइयों पर रिस्ट बैंड बांधकर ये रिसर्च की है.

कम नींद की वजह से कई बीमारियां हो रहीं

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इससे पहले एक शोध हुआ जिसमें पाया गया कि तापमान में बढ़ोत्तरी से लोगों का स्वास्थ्य खराब, हार्ट अटैक, आत्महत्या और मानसिक स्थिति में परिवर्तन की वजह से दुर्घटनाएं और चोटें लगनी जैसी घटनाएं सामने आईं और काम करने की क्षमता को भी कम किया है. डेनमार्क की कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर केल्टन माइनर ने बताया कि हम सभी की जिंदगी में सोना एक अहम हिस्सा होता है. हम सभी अपनी एक तिहाई जिंदगी सोते हुए बिताते हैं. लेकिन अब पूरी दुनिया में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है जो अच्छी तरह से सो नहीं पा रहे हैं.

भारत और पाकिस्तान भी इसकी चपेट में 

माइनर ने आगे बताया कि रातों में बढ़ती गर्मी से कम हो रही नींद बड़ी आबादी को प्रभावित कर रही है. अगर आप देखेंगे कि भारत और पाकिस्तान में जिस तरह की हीट वेव चल रही है उससे कई अरब लोग प्रभावित हो रहे हैं और परिणामस्वरूप नींद में कमी आ रही है. तो वहीं माइनर का ये भी कहना है कि एक अचंभे वाली बात ये भी सामने आई है कि जो लोग गर्म जगहों पर रह रहे हैं उन्हें इस क्लाइमेट में औरों के मुकाबले अच्छी नींद आती है.

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