China New Map On India: भारत के साथ-साथ फ़िलिपींस, मलेशिया, वियतनाम और ताइवान की सरकारों ने गुरुवार (31 अगस्त) को चीन के नए राष्ट्रीय मानचित्र को खारिज कर दिया और कड़े शब्दों में बयान जारी कर आरोप लगाया कि बीजिंग उनके क्षेत्रों पर अपना दावा कर रहा है.


चीन ने बीते सोमवार (28 अगस्त)  को अपने राष्ट्रीय मानचित्र का एक नया संस्करण प्रकाशित किया, जिसमें उन्होंने अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपना हिस्सा बताया था. 


भारत ने जताया कड़ा विरोध
भारत ने मंगलवार को चीन के तथाकथित मैप पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था, जिसमें अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन पर दावा किया गया है. भारत ने कहा था कि इस तरह के कदम सीमा विवाद के समाधान को केवल जटिल बनाते हैं. विदेश मंत्रालय ने भी चीन के दावों को आधारहीन करार देते हुये खारिज कर दिया था. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘सिर्फ बेतुके दावे करने से दूसरे लोगों का क्षेत्र आपका नहीं हो जाता.’’


फ़िलिपींस सरकार ने गुरुवार को चीन के तथाकथित मैप के 2023 संस्करण की आलोचना की. चीनी प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय ने 28 अगस्त को विवादास्पद मैप जारी किया, जो दक्षिण चीन सागर में कथित तौर पर चीन की सीमाओं को दर्शाता है.


इंटरनेशनल लॉ का विरोध
फ़िलिपींस के विदेश मामलों की प्रवक्ता मा तेरेसिता दाजा ने एक बयान में कहा, ‘‘समुद्री क्षेत्रों पर चीन की कथित संप्रभुता और अधिकार क्षेत्र को वैध बनाने के इस नई कोशिशों का इंटरनेशनल लॉ विशेष रूप से 1982 की समुद्र कानून संबंधी संयुक्त राष्ट्र संधि (UNCLOS) के तहत कोई आधार नहीं है.’’


दाजा ने कहा कि 2016 के आर्बिट्रल अवॉर्ड ने पहले ही सीमांकन को अमान्य कर दिया है और चीन से UNCLOS के तहत अपने दायित्वों का पालन करने का आह्वान किया है.


फ़िलिपींस पहले भी कर चुका है विरोध
फ़िलिपींस ने पहले ही 2013 में चीन के राष्ट्रीय मानचित्र के प्रकाशन का विरोध किया था, जिसमें कलायान द्वीप समूह या स्प्रैटलीज़ के कुछ हिस्सों को चीन की राष्ट्रीय सीमा के भीतर रखा गया था. मलेशियाई सरकार ने गुरुवार को कहा कि वह दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावों के खिलाफ लिखित नोट भेजेगी, जैसा कि चीन मानक मानचित्र संस्करण 2023 में बताया गया है.


विदेश मंत्रालय ने कहा कि मलेशिया दक्षिण चीन सागर में चीन के दावों को मान्यता नहीं देता है, जैसा कि चीन के मानक मानचित्र के ताजा संस्करण में बताया गया है और उसमें मलेशिया के समुद्री क्षेत्र को भी शामिल किया गया है.


मैप को लेकर वियतनाम ने की आलोचना
चीन के उकसावे वाली इस ताजा कार्रवाई की वियतनाम ने भी आलोचना की है. वियतनामी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता फाम थू हैंग ने कहा कि वियतनाम होआंग सा (पैरासेल) और ट्रूओंग सा (स्प्रैटली) द्वीपों पर अपनी संप्रभुता को दृढ़ता से दोहराता है और चीन के किसी भी समुद्री दावे को दृढ़ता से खारिज करता है.


उधर ताइवान के विदेश मंत्रालय ने भी चीन के नए मानक मानचित्र की आलोचना करते हुए कहा कि ताइवान पर कभी भी चीन का शासन नहीं रहा है. इस बीच, चीन के विदेश मंत्रालय ने संकेत दिया कि वह मानचित्र मुद्दे पर पीछे नहीं हट रहा है.


ये भी पढ़ें:China-India Relations: चीन के लोग भारत के बारे में क्या सोचते हैं, सर्वे में खुलासा