चीनी सेना ने गुरुवार को कहा कि पैंगोंग झील इलाके से सैनिकों को पीछे हटाने के लिए भारत के साथ की गई संयुक्त कोशिशों के चलते पूर्व लद्दाख में तनाव कम हुआ है. लेकिन, उसने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से लगे शेष इलाकों से सैनिकों को हटाने के बारे में कोई संकेत नहीं दिया. सिलसिलेवार सैन्य एवं कूटनीतिक वार्ताओं के चलते दोनों देशों ने पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिण तटों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पिछले महीने पूरी कर ली. दोनों देशों ने सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर हुए समझौते के तहत ऐसा किया.


वहीं, एलएसी से लगे शेष इलाकों से सैनिकों को हटाया जाना अभी बाकी है. भारतीय थल सेना हॉट स्प्रिंग, गोगरा और देपसांग जैसे इलाकों से सैनिकों को तेजी से हटाने की प्रक्रिया पर जोर दे रही है, ताकि पर्वतीय क्षेत्र में भी तनाव को कम किया जा सके. चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता, वरिष्ठ कर्नल रेन गुयोकियांग ने ऑनलाइन प्रेस वार्ता में कहा कि वर्तमान में चीन और भारत ने पैंगोंग झील इलाके में अग्रिम पंक्ति के सैनिकों को पीछे हटा लिया है और दोनों देश मौजूदा कदमों पर सकारात्मक रूप से टिप्पणी कर रहे हैं.


उन्होंने कहा, ‘‘चीन और भारत के संयुक्त प्रयासों को इसका श्रेय जाता है, जिससे सीमावर्ती इलाके में तनाव कम हुआ है.’’ रेन के हवाले से चीनी मिलिट्री ऑनलाइन पोर्टल ने कहा कि दोनों पक्ष चीन-भारत सीमा के पश्चिम हिस्से में अन्य मुद्दों को सुलझाने के लिए सैन्य एवं कूटनीतिक माध्यमों से संवाद कायम रखने के लिए सहमत हुए हैं.


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा चीन से एलएसी से लगे टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहे जाने संबंधी खबरों को उद्धृत करते हुए एक सवाल पूछा गया था, जिसका रेन जवाब दे रहे थे.


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