चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता क्वो च्याखुन ने एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. ताइवान को अमेरिका द्वारा बड़े पैमाने पर हथियारों की बिक्री की चर्चा में क्वो च्याखुन ने कहा कि कल हमने इस मुद्दे पर चीन का दृढ़ रुख स्पष्ट किया.

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ताइवान को अमेरिका द्वारा बड़े पैमाने पर हथियारों की बिक्री चीन के आंतरिक मामलों में घोर हस्तक्षेप है, जो चीन की संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को गंभीर रूप से कमजोर करती है, ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाती है और 'ताइवान स्वतंत्रता' के अलगाववादी बलों और बाहरी दुनिया को एक गंभीर रूप से गलत संदेश भेजती है. चीन इस पर अपनी कड़ी असंतुष्टि और कड़ा विरोध व्यक्त करता है और चीन ने अमेरिका के समक्ष तत्काल विरोध दर्ज कराया है.

कंबोडिया-थाईलैंड सीमा की स्थिति की चर्चा में क्वो च्याखुन ने कहा कि कंबोडिया और थाईलैंड के मित्र पड़ोसी और सहयोगी के रूप में, चीन कंबोडिया-थाईलैंड सीमा पर मौजूदा स्थिति को लेकर बेहद चिंतित है और दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष नहीं देखना चाहता. संघर्ष में हुई नागरिक मौतों से चीन को गहरा दुख है. चीन दोनों देशों के बीच सक्रिय रूप से मध्यस्थता कर रहा है और संवाद को बढ़ावा दे रहा है, साथ ही संवाद के लिए परिस्थितियां और मंच भी उपलब्ध करा रहा है.

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जापान के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा परमाणु हथियार रखने की बात कहे जाने की खबरों के जवाब में, क्वो च्याखुन ने कहा कि जापान सैन्य सुरक्षा मुद्दों पर काफी समय से गलत बयान और कार्रवाई कर रहा है. अब जापान में कुछ ताकतों द्वारा परमाणु हथियार रखने का सुझाव देना, जापान की दक्षिणपंथी रूढ़िवादी ताकतों की सैन्यवाद को पुनर्जीवित करने, अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की सीमाओं से मुक्त होने और 'पुनः सैन्यीकरण' को गति देने की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं को दर्शाता है.

 

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