बांग्लादेश में पिछले वर्ष जुलाई में हुए विद्रोह के प्रमुख नेताओं में से एक शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश एक बार फिर जल उठा है. राजधानी ढाका सहित देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन और हिंसा की घटनाएं हुईं, जिससे देशभर में तनाव बढ़ गया. इस बीच भीड़ ने बांग्लादेश के पूर्व शिक्षा मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी के घर में 18 दिसंबर देर रात लाग लगा दी.
भारत को उकसाना चाहती यूनुस सरकार: मोहिबुल हसन
न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में मोहिबुल हसन चौधरी ने मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पर बांग्लादेश चुनावों में देरी करने के लिए अशांति फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने आंदोलनकारियों को जिहादी विचारधारा वाले चरमपंथी बताया. मोहिबुल हसन ने कहा, 'उस्मान हादी की मौत का इस्तेमाल दंगे भड़काने और चुनाव में देरी करने के बहाने के रूप में किया जा रहा है. भारत के दूतावास पर हमला करने का मकसद भारत को उकसाना और अराजकता फैलाना था.'
'यूनुस सरकार ने ही भीड़ को उकसाया'
उन्होंने कहा, 'उस्मान हादी की मौत का भारतीय हाई कमीशन से क्या लेना-देना है. वे भारतीय दूतावास को बंद करवाना चाहते थे. यूनुस सरकार ने ही भीड़ को उकसाया है. इस समय बांग्लादेश में ऐसी स्थिति है जहां मौजूदा सरकार के सलाहकार ऊपर से उकसा रहे हैं और फिर पुलिस या सेना को चुप रहने के लिए कहा जा रहा है.'
कट्टरपंथी था उस्मान हादी: मोहिबुल हसन
शेख हसीना मंत्रिमंडल के पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी ने कहा, 'उस्मान हादी एक कट्टरपंथी था, जो दूसरों का खून बहाने की बात करता था. इसी बहाने यूनुस सरकार ने अन्य कट्टरपंथी राजनीतिक दलों की मदद से उसके चरमपंथियों और उनके कुछ लोगों को भड़काकर पूरे देश में दंगे भड़काने की कोशिश की. मोहम्मद यूनुस का मुख्य उद्देश्य चुनाव में देरी करना है. वे चाहते थे कि भारतीय हाई कमीशन पर हमला करने के बाद दिल्ली उस पर प्रतिक्रिया दे.'
उन्होंने कहा, 'ये जिहादी मानसिकता वाले चरमपंथी हैं, जिन्होंने कुछ समय के लिए सत्ता संभाली और अब जब उन्हें एहसास हो गया है कि यह उनका काम नहीं है तो वे सिर्फ राजनीति में बने रहना चाहते हैं. ये लोग जितना हो सके अराजकता और अव्यवस्था फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.'