Reproductive Rights in China: चीन (China) के उत्तर-पूर्वी प्रांत (North-Eastern Province ) हेलियॉन्गजियांग (Heilongjiang) की रहने वाली एक गैर शादीशुदा महिला (Unmarried Woman) टेरेसा जू (Teresa Xu) अपने प्रजनन अधिकारों (Reproductive rights) के लिए संघर्ष कर रही हैं. उन्होंने देरी से मां बनने के लिए अपने अंडे फ्रीज (Freezing Eggs) करने के लिए प्रयास किया तो अस्पताल (Hospital) ने उनकी वैवाहिक स्थिति जानकर ऐसा करने से इनकार कर दिया. इस पर जू ने कोर्ट का रुख किया लेकिन वहां भी मायूसी हाथ लगी और वह मुकदमा हार गईं. टेरेसा ने चीनी लोगों के लिए ऐसी सुविधा के न होने को उभार कर पेश किया था.  


रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट केस हारने वाली महिला टेरेसा जू 34 साल की हैं. टेरेसा ने दिसंबर 2019 में बीजिंग के अस्पताल के ऊपर मुकदमा दायर कर दिया था. टेरेसा ने आरोप लगाया था कि अस्पताल ने उनसे पूछा था कि उनकी शादी हो गई या नहीं? उन्होंने खुद को सिंगल बताया तो अस्पताल ने उनके अंडे फ्रीज करने से मना कर दिया था. बता दें कि चीन में स्वस्थ महिलाओं के लिए बच्चे के जन्म में देरी के लिए सहायक-जन्म तकनीक का इस्तेमाल कर पाना मुश्किल माना जाता है. चीन के नियम केवल कुछ चुनिंदा स्थितियों जैसे कि बांझपन का इलाज करने या प्रजनन क्षमता को संरक्षित करने के मामले में ऐसे तरीकों की इजाजत देते हैं.


यह भी पढ़ें- China: चीन में जनसंख्या को लेकर रिपोर्ट जारी, 2025 तक आबादी को लेकर किया गया ये दावा


कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए यह कहा


समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, बीजिंग में चाओयांग जिला पीपुल्स कोर्ट ने पिछले हफ्ते फैसला सुनाते हुए कहा कि चीन में सहायक प्रजनन तकनीकों के विशेष इस्तेमाल को लेकर कोई स्पष्ट कानून नहीं था जबकि चिकित्सा उद्देश्यों के लिए उन्हें प्रदान किया जाना चाहिए. टेरेसा ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले से नाराज हैं और अपील करने की योजना बना रही हैं. कोर्ट के फैसले के बाद टेरेसा ने चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीचैट पर शेयर किए एक वीडियो में कहा, ''एक छोटा, अस्थायी झटका है लेकिन मुझे अभी भी विश्वास है कि सिंगल चीनी महिलाओं के प्रजनन अधिकारों में सुधार और प्रगति होगी.''


यह भी पढ़ें- Defence News: भारत के S-400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम के आगे कहीं नहीं टिकता पाक का HQ-9, जानिए S-400 की ताकत