China-Taiwan Conflict: ताइवान (Taiwan) और चीन (China) के बीच पिछले कई महीनों से तनाव चल रहा है. इसको लेकर चीन अपनी मिसाइल क्षमताओं को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहा. इस बीच चीनी नेवी ने अपने सबसे खतरनाक DF-17 बैलिस्टिक मिसाइल को ताइवान के पास तैनात कर रहा है. इसकी वजह से ताइवान और उसके सहयोगियों के लिए संभावित खतरा पैदा हो गया है.


पिछले एक दशक में चीन ने अपने बेड़े में तैनात आधुनिक मिसाइलों की संख्या में काफी बढ़ोतरी की है. उन्होंने अपनी मिसाइलों में सटीकता और रेंज में बढ़ोतरी की है. इससे अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के बीच भय पैदा कर दिया है, जिससे पहले से ही ताइवान के अस्थिर क्षेत्र में चिंताएं बढ़ गई हैं.


ताइवान के क्षेत्र पर हमला कर सकता है
चीन के मिसाइल विस्तार के रणनीतिक महत्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. विश्लेषक चीन के बढ़ते मिसाइल वॉरहेड पर नजर रख रहे हैं, जो न केवल ताइवान के लिए खतरा पैदा कर रहा है, बल्कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन को भी प्रभावित कर रहा है. यह चीन की आक्रामक मुद्रा और क्षेत्र में अपना प्रभुत्व मजबूत करने की उसकी महत्वाकांक्षाओं को रेखांकित करता है.






चीन के तरफ से तैनात DF-17 बैलिस्टिक मिसाइल एडवांस तकनीक से लैस हैं. इस एडवांस्ड तकनीक से युक्त मिसाइल के साथ, वे संभावित रूप से ताइवान के क्षेत्र पर हमला कर सकते हैं. DF-17 बैलिस्टिक मिसाइल बेहद आसानी से अमेरिका के डिफेंस सिस्टम को भेद सकता है और ये बात खुद अमेरिकियों ने स्वीकार भी किया है.


चीन के दो अनुसंधान केंद्र
DIA और कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस के रिपोर्ट के मुताबिक  चीन हाइपरसोनिक हथियारों के लिए दो अनुसंधान केंद्र को ऑपरेट करता है. चीन के हाइपरसोनिक वॉरहेड में हाइपरसोनिक ग्लाइड मिसाइल के साथ एक मिडिल रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल DF-17 शामिल है, जिसकी रेंज 1,600 किलोमीटर है. चीन के बैलिस्टिक मिसाइल DF-17 को चीनी हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV) पर लगाया जा सकता है.


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