Jaish-e-Mohammed Terrorist Abdul Rauf Azhar: आतंकवाद को लेकर एक बार फिर से चीन (China) के दोहरे रवैये की पोल दुनिया के सामने खुल चुकी है. चीन हमेशा आंतकवाद पर अंकुश लगाने की बात कहता रहता है लेकिन जब कोई इस दिशा में कोई सख्त एक्शन लेने का वक्त आता है तो उसका असली चेहरा सामने आ जाता है. दरअसल, चीन जानबूझकर अमेरिका (America) और भारत (India) द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाकिस्तान (Pakistan) स्थित जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के एक शीर्ष कमांडर अब्दुल रऊफ अजहर (Abdul Rauf Azhar) पर प्रतिबंध लगाने वाले प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी कर रहा है.


आपको बता दें कि इस तरह के कदम को सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति के सभी 15 सदस्यों का समर्थन करना होगा. आपको बता दें कि भारत और अमेरिका समेत सभी 14 देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया था. चीन केवल एकमात्रा ऐसा देश है जिसने जैश कमांडर पर प्रतिबंध लगाने वाले प्रस्ताव पर मंजूरी नहीं दी. चीन अपने इस कदम के पीछे दलील देते हुए कहा कि हमें इस केस को समझने के लिए अभी और अधिक समय की आवश्यकता है.


अमेरिका ने साल 2010 में आतंकवादियों की लिस्ट में किया शामिल
 
भारत और अमेरिका ने पाकिस्तान स्थित अब्दुल जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी रऊफ अजहर की वैश्विक यात्रा पर प्रतिबंध और उसकी संपत्ति को फ्रीज करने का समर्थन किया था. बता दें कि अमेरिका ने साल 2010 में रऊफ को आतंकवादियों की लिस्ट में डाल दिया था. इसके बाद रऊफ को वैश्वविक आतंकवादी घोषित करने के लिए यूएनएससी में प्रस्ताव भी पारित किया गया लेकिन चीन इस प्रस्ताव पर मंजूरी देने से पीछे हट गया.


कौन है आंतकी अब्दुल रऊफ अजहर?


आतंकी अब्दलु रऊफ अजहर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख संचालक है. वह साल 1999 में एयरलाइंस के आईसी-814 विमान को हाईजैक करने की साजिश में भी शामिल था. जिसमें करीब 173 यात्री सवार थे. भारत को इस हाईजैक के कारण अब्दुल रऊफ के बड़े भाई और जैश के सरगना मसूद अजहर को मजबूरन रिहा करना पड़ा था. 


इसे भी पढ़ेंः-


Bihar Politics: सीएम KCR की बेटी ने की नीतीश कुमार की तारीफ, कहा- पिछले दरवाजे से राजनीति के दौर का जवाब


Bihar Politics: नीतीश कुमार के पाला बदलने से बिहार में ‘मंडल बनाम कमंडल’ राजनीति होगी तेज! लेकिन राह नहीं आसान