US Warns China Over Russia-Ukraine War: अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने चीन (China) को यूक्रेन (Ukraine) के खिलाफ युद्ध में रूस (Russia) का ‘घातक समर्थन’ जारी रखने को लेकर चेतावनी देते हुए कहा कि इसके अमेरिका (America) के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर ‘गंभीर प्रभाव’ होंगे. उन्होंने चीन की ओर से कथित तौर पर अमेरिका में भेजे गए जासूसी गुब्बारों की घटना की भी निंदा की और कहा कि ‘यह फिर कभी नहीं होनी चाहिए.


अमेरिका के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, ब्लिंकन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठतम विदेश नीति अधिकारी वांग यी के साथ म्यूनिख में शनिवार (18 फरवरी) को करीब एक घंटे तक बातचीत हुई थी. मंत्रालय ने बताया कि दोनों नेता अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए वहां गए थे.


'यह दोबारा नहीं होना चाहिए.'


करीब एक पखवाड़े पहले चीनी जासूसी गुब्बारे को अमेरिकी सीमा में मार गिराए जाने के बाद पहली बार दोनों देशों के शीर्ष राजनयिकों की आमने-सामने की मुलाकात हुई. ब्लिंकन ने ‘सीबीएस न्यूज’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैंने उन्हें स्पष्ट कर दिया कि चीन की ओर से अमेरिका के क्षेत्र में निगरानी गुब्बारा भेजना हमारी संप्रभुता,अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है और यह दोबारा नहीं होना चाहिए.’’


उनके प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि ब्लिंकन ने चीनी राजनयिक से यह भी कहा कि उनके देश के निगरानी गुब्बारा कार्यक्रम की पोल दुनिया के सामने खुल गई है, जिसने पांच महाद्वीपों और करीब 40 देशों में घुसपैठ की.


गुब्बारे की घटना की वजह से ब्लिंकन ने बीजिंग यात्रा का कार्यक्रम स्थगित कर दिया था. वह पांच और छह फरवरी को चीन जाने वाले थे और अगर ऐसा होता तो वह पांच साल में पहले अमेरिकी विदेश मंत्री होते, जो चीन की यात्रा करते.


रूस-यूक्रेन मुद्दे पर वांग यी से ब्लिंकन ने क्या कहा? 


ब्लिंकन ने शनिवार को हुई बैठक में वांग के समक्ष रूस-यूक्रेन युद्ध का भी मुद्दा उठाया. ब्लिंकन ने कहा, ‘‘चीन की ओर से यूक्रेन युद्ध में रूस को दिए जा रहे घातक समर्थन को लेकर चिंता है. मैं उनके साथ साझा कर रहा हूं क्योंकि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे राष्ट्रपति शी जिनपिंग से साझा किया था कि हमारे रिश्तों पर इसके गंभीर प्रभाव हो सकते हैं.’’


अमेरिकी विदेश मंत्री ने हमेशा राजनयिक संवाद और संवाद के रास्ते खुले रहने के महत्व को रेखांकित किया. दोनों नेता अगले महीने नई दिल्ली में जी-20 विदेश मंत्रियों की होने वाली बैठक में दोबारा मुलाकात कर सकते हैं.


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