Chinese Ambassador In Afghanistan:  साल 2021 में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद चीन ने काबुल में अपना पूर्णकालिक राजदूत नियुक्त किया है. चीन ऐसा करने वाला पहला देश है. तालिबान के एक प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि नए चीनी राजदूत झाओ जिंग ने तालिबान के प्रधानमंत्री मोहम्मद हसन अखुंद से मुलाकात की. 


तालिबान प्रशासन के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी ने एक बयान में कहा, "एक समारोह के दौरान प्रधानमंत्री और अफगानिस्तान में नए चीनी राजदूत झाओ जिंग के बीच मुलाकात हुई. जहां दोनों ने एक दूसरे से बातचीत की. इसके दौरान नए चीनी राजदूत ने अफगानिस्तान में अपने नए मिशन पर खुशी व्यक्त की.''






चीनी राजदूत ने हसन अखुंद को शुभकामनाएं दीं
वहीं, जिंग ने कहा कि अफगानिस्तान में चीनी राजदूत के रूप में अपना काम शुरू करना मेरे लिए सम्मान की बात है. उन्होंने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के नेतृत्व के गुणों की सरहाना की और प्रधानमंत्री अल्हाजी मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को शुभकामनाएं दीं.  


अफगानिस्तान की स्वतंत्रता का सम्मान 
जिंग ने यह भी कहा कि एक अच्छे पड़ोसी के रूप में चीन, अफगानिस्तान की स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता और फैसलों की स्वतंत्रता का पूरा सम्मान करता है. नए दूत ने दावा किया कि तालिबान शासन के तहत अर्थव्यवस्था और सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ भ्रष्टाचार, अपराध और नशीली दवाओं के खिलाफ जारी लड़ाई में कई सुधार हुए हैं. उन्होंने आगे कहा, " मैं चीन-अफगानिस्तान संबंधों, अर्थव्यवस्था और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने की कोशिश करूंगा."


चीन ने अफगानिस्तान में किया है निवेश
गौरतलब है कि रूस और चीन अफगानिस्तान के तालिबान नेतृत्व को स्वीकार करने वाले पहले देशों में से हैं. इससे पहले भी उन्होंने बार-बार संघर्षग्रस्त देश के साथ संबंधों को मजबूत करने का आह्वान किया है. चीन ने तो अफगानिस्तान में लाखों डॉलर का निवेश किया है.





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