नई दिल्ली: जापान में नामी शहर के 90 किलोमीटर पूर्व-उत्तर पूर्व में शनिवार को 7.0 तीव्रता का बेहद तेज़ भूकंप आया. यूनाइटेड स्टेट्स जियोलोजिकल सर्वे ने ये जानकारी दी. हालांकि इस भूकंप के बाद अभी तक जापान सरकार ने सुनामी की चेतावनी जारी नहीं की है. भूकंप से अभी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है.


द जापान टाइम्स के मुताबिक भूकंप टोक्यो में भी महसूस किया गया, जहां इसकी तीव्रता जापानी रिक्टर स्केल पर 4 मापी गई.  भूकंप शनिवार रात करीब 11 बजकर 8 मिनट पर आया. कोस्टल एरिया के पास रहने वाले लोगों एहतियात के तौर पर ऊंचे जगहों पर जाने की सलाह दी गई है, क्योंकि आफ्टर शॉक्स (यानी भूकंप के बाद आने वाले झटके) का खतरा हमेशा रहता है.


शुक्रवार को ताजिकिस्तान में आया भूकंप, भारत-पाक में महसूस हुए झटके
जम्मू कश्मीर से लेकर दिल्ली-एनसीआर और पंजाब तक शुक्रवार देर रात आए भूकंप के तेज़ झटकों से थर्रा गया. इस भूकंप का केंद्र ताजिकिस्तान में था. भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.3 मापी गई. ये भूकंप 10:31 मिनट पर आया. भूकंप के झटके भारत के कई शहरों के अलावा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी महसूस किए गए.


भूकंप क्यों आता है?
हमारी धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहते हैं. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत, वर्गों में बंटी हुई है, जिन्हें टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं लेकिन जब ये बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप आ जाता है. ये प्लेट्स क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं. इसके बाद वे अपनी जगह तलाशती हैं और ऐसे में एक प्लेट दूसरी के नीचे आ जाती है.


भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है. सैंकड़ो किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है. अगर भूकंप की गहराई उथली हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है जिससे भयानक तबाही होती है. लेकिन जो भूकंप धरती की गहराई में आते हैं उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता. समुद्र में भूकंप आने पर सुनामी उठती है.


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