चीन ने शुरुआती कोरोना के मामले को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को रॉ डेटा देने से इनकार कर दिया है. अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने शुक्रवार को ये बात कही. डब्ल्यूएचओ के जांचकर्ताओं का हवाला देते हुए जर्नल ने कहा कि इस डाटा को लेकर जांचकर्ताओं और चीनी अधिकारियों के बीच काफी बहस भी हुई.


वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने कहा कि रॉ और पर्सनलाइज्ड डेटा इस बात का पता लगाने में मदद कर सकता है कि कोरोना वायरस पहली बार चीन में कैसे और कब फैला.


बता दें कि डब्ल्यूएचओ की एक टीम चीन में कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने गई थी. 10 फरवरी को ये टीम वहां से वापस लौटी. अपनी रिपोर्ट में इस टीम ने कहा था कि इस वायरस ने पहली बार संभवत: किसी जंतु से मानव शरीर में प्रवेश किया होगा. उन्होंने चीन के एक लैब से इसके फैलने की संभावना जताने वाले सिद्धांत को खारिज करते हुए यह बात कही.


डब्ल्यूएचओ के खाद्य सुरक्षा एवं जंतु रोग विशेषज्ञ पीटर बेन एम्बारेक टीम की नेतृत्व कर रहे थे. टीम का यह दौरा चीन के लिए राजनीतिक रूप से संवेदनशील था, जिसे महामारी के खिलाफ शुरूआत में उठाये गये उसके कथित गलत कदमों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है.


गौरतलब है कि विश्व में वुहान में ही दिसंबर 2019 में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सामना आया था. टीम में शामिल डच विषाणु विज्ञानी मारियों कूपंमंस ने कहा कि बाजार के कुछ जंतुओं पर इसके वाहक होने का संदेह है, जिनमें खरगोश और चूहे शामिल हैं. इसलिए, यह संभव है कि वायरस कहीं और उत्पन्न हुआ होगा.


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