अमेरिका ने नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति जारी की है. इस नई नीति के तहत रूस और चीन को अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सुरक्षा नीति में भारत का भी जिक्र किया गया है. इस नीति को जारी करते हुए प्रशासन ने कहा कि अमेरिका और भारत मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत के अपने साझा दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय दोनों व्यवस्थाओं में मिलकर काम करेंगे. 


अमेरिका ने नई सुरक्षा नीति में साफ तौर पर कहा कि वह नया शीत युद्ध नहीं चाहती है और अगर इस तरह की स्थिति बनती है जिसमें दुनिया दो ध्रुवों में बंट जाए. तो ऐसे में अमेरिका परमाणु युद्ध के खतरे को कम करना चाहता है, लेकिन इन सब के बीच  अपने शस्त्रों का आधुनिकीकरण करना जारी रखेगा. 


बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हाल ही में अपने एक इंटरव्यू के दौरान भी कहा था कि रूस यूक्रेन में परमाणु हथियार का इस्तेमाल करते हैं तो हम भी जवाब देने के लिए तैयार है. बाइडन ने सीधे शब्दों में कहा था, ‘पेंटागन को पूछने की जरूरत नहीं थी.’ 




अमेरिका ने भारत के साथ प्रतिबद्धताओं की पुष्टि की


अमेरिका की नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में हमारे देश का जिक्र भी किया गया है. कह गया कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और एक प्रमुख रक्षा भागीदार भी है, ऐसे में खुले हिंद-प्रशांत के अपने साझा दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए अमेरिका और भारत द्विपक्षीय और बहुपक्षीय रूप से मिलकर काम करेंगे. 


गठबंधन देशों के आधुनिकीकरण करने का किया दावा 


नई सुरक्षा नीति के तहत कहा गया कि अमेरिका इन गठबंधनों का आधुनिकीकरण करता रहेगा. नीति में कहा गया कि हम अपनी पारस्परिक सुरक्षा संधि के तहत जापान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. वहीं अमेरिका, भारत के साथ ही विश्व की कई अन्य शक्तियां चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता की पृष्ठभूमि में मुक्त, खुले और संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र की आवश्यकता पर जोर देती रही हैं. 


चीनी दबाव के खिलाफ अमेरिकी सहयोगी


नई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में कहा गया है कि अमेरिका के कई सहयोगी देश और साझेदार, खासकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के दबाव के खिलाफ मोर्चे पर खड़े हैं वो अपनी सुरक्षा की तलाश कर रहे हैं. इसके अलावा नीति में कहा गया है कि हम बाहरी दबाव से मुक्त, उनके हितों और मूल्यों के अनुरूप संप्रभु निर्णय लेने की उनकी क्षमता का समर्थन करेंगे. विकास सहायता, उच्च-मानक, बड़े पैमाने पर निवेश और बाजार प्रदान करने के लिए काम करेंगे. 




यूक्रेन पर रूसी नियंत्रण की कवायद 


अमेरिका की नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में पिछले 7 महीने से चल रहे रूस-यूक्रेन संघर्ष को लेकर कहा गया है कि मॉस्को की साम्राज्यवादी विदेश नीति का समापन यूक्रेन के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण में अपनी सरकार को गिराने और रूसी नियंत्रण में लाने के प्रयास में हुआ. 


कहा गया कि रूसी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के प्रमुख तत्वों को उलटने और विदेश नीति को आगे बढ़ाने के लिए साम्राज्यवादी नीति चुना है. रूस अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए लगातार खतरा बन गया है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के युद्ध ने चीन, भारत और जापान जैसी अन्य एशियाई शक्तियों की तुलना में रूस की स्थिति को बहुत कम कर दिया है.


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