कोरोना महामारी के बाद दुनिया भर में आजकल अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा आदि वेरिएंट की चर्चा है. लेकिन ये नाम अचानक नहीं दिए जा रहे हैं. न ही ये नाम नए हैं. ये नाम यूनान की प्राचीन वर्णमाला से लिए जा रहे हैं. पिछले साल दिसंबर में ब्रिटेन में कोरोना के नए वेरिएंट का पता चला. इसका नाम ग्रीक वर्णमाला के पहले अक्षर से लिया गया. इसके बाद बीटा और गामा वेरिएंट भी आ गए. अब डेल्टा वेरिएंट की सबसे ज्यादा चर्चा है.
गणित और विज्ञान के प्रचलित नाम दरअसल, ग्रीक वर्णमाला के अक्षरों का सबसे ज्यादा ज्यादा इस्तेमाल गणित और विज्ञान में किया जाता है. बीटा, थीटा, पाई, सिगमा आदि से हम सब परिचित है. तत्वों के नाम, सितारों के नाम तो ग्रीक वर्णमाला से लिए ही गए हैं, उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नाम भी ग्रीक वर्णमाला से दिए जाते हैं. अब कोरोना महामारी आने के बाद इसके नए-नए वेरिएंट के नाम भी इसी वर्णमाला से दिए जा रहे हैं. अब तक कोरोना के एटा, आएओटा और कप्पा वेरिएंट भी आ गए हैं. इस तरह देखा जाए वर्णमाला के कई अक्षरों का इस्तेमाल हो चुका है लेकिन जिस रफ्तार से कोरोना के नए-नए वेरिएंट सामने आ रहे है, उसमें ग्रीक वर्णमाला के कहीं पूरे अक्षर न खत्म हो जाए.
कितनी पुरानी है ग्रीक भाषाग्रीक भाषा का इस्तेमाल 8वीं सदी ईसा पूर्व में माना जाता है. यानी बुध के समय से 400-500 साल पहले. यूनान यानी आज के ग्रीस में 1000 सदी ईसा पूर्व में माइसीनियाई (Mycenaean) सभ्यता का विकास हुआ था. इनकी अपनी भाषा थी माइसीनियाई. इस सभ्यता के पतन के बाद ग्रीक भाषा का विकास हुआ. ग्रीक भाषा की वर्णमाला में 24 अक्षर हैं. आधुनिक यूरोप की कई भाषाओं का विकास ग्रीक से ही हुई है. अंग्रेजी की रोमन लिपि और रूस की सिरलिक वर्णमाला दोनों ग्रीक वर्णमाला से ही आए हैं. स्वर और व्यंजन के लिए पृथक चिन्ह वाली यह पहली भाषा मानी जाती है.
24 अक्षरों वाले वर्णमाला में अक्षरों के नाम और चिन्ह ये हैं-अक्षर नामΑ α अल्फ़ाΒ β बेटा, बीटाΓ γ गामाΔ δ डेल्टाΕ ε ऍप्सिलनΖ ζ ज़ेटा, ज़ीटाΗ η एटा, ईटाΘ θ थ़ेटा, थ़ीटाΙ ι आयोटाΚ κ कापाΛ λ लाम्डाΜ μ म्यूΝ ν न्यूΞ ξ ज़ाइΟ ο ओमिक्रॉनΠ π पाइΡ ρ रोΣ σ ς सिग्माΤ τ टाऊΥ υ उपसिलन, अपसिलनΦ φ फ़ाइ, फ़ीΧ χ काइ, चाइ, ख़ाइΨ ψ साइ, सीΩ ω ओमेगा
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