लंदन: ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर सोमवार को एक बार फिर आरोप लगाया गया कि उन्होंने कोरोना लॉकडाउन के दौरान नियमों का उल्लंघन किया था और कई पार्टियों में भाग लिया था. महामारी पर काबू के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान लोगों के एकत्र होने पर रोक थी. जॉनसन गुरुवार को भारत की यात्रा पर रवाना होने वाले हैं और उन्हें उम्मीद होगी कि यात्रा शुरू होने से पहले उन्हें ऐसे आरोपों से कुछ राहत मिलेगी.


जॉनसन पर पहले ही ऐसी एक पार्टी के आयोजन को लेकर जुर्माना लगाया जा चुका है. जून 2020 में उनके जन्मदिन पर उनकी पत्नी कैरी कैबिनेट रूम में केक लाई थीं. ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक पर ऐसी पार्टी को लेकर जुर्माना लगाया गया है.


लॉकडाउन के दौरान आयोजित पार्टियों की पुलिस कर रही जांच 
ब्रिटेन के मीडिया के मुताबिक, पुलिस लॉकडाउन के दौरान आयोजित 12 पार्टियों की जांच कर रही है और समझा जाता है कि जॉनसन उन 12 लॉकडाउन पार्टियों में से लगभग छह से कथित तौर पर जुड़े हैं.


'द संडे टाइम्स' ने एक सूत्र के हवाले से खबर दी है कि नवंबर 2020 में 10 डाउनिंग स्ट्रीट के निवर्तमान संचार निदेशक ली कैन के लिए एक पार्टी आयोजित करने में कथित तौर पर जॉनसन की भूमिका थी.


नए आरोपों के बाद विपक्ष ने मांगा इस्तीफा 
नए आरोपों के बाद विपक्ष ने 57 वर्षीय जॉनसन से पद छोड़ने की मांग तेज कर दी है. लेबर पार्टी की उप नेता एंजेला रेनर ने कहा, "अगर नई रिपोर्ट सही हैं, तो इसका मतलब है कि प्रधानमंत्री ने न केवल ऐसी पार्टियों में भाग लिया, बल्कि उनमें से कम से कम एक को आयोजित करने में अहम भूमिका भी निभाई.’’ रेनर ने जॉनसन पर ब्रिटिश लोगों को जानबूझकर गुमराह करने का आरोप लगाया.


विपक्ष द्वारा निशाना साधे जाने के बीच डाउनिंग स्ट्रीट ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर तब तक कोई टिप्पणी नहीं करेगा जब तक कि स्कॉटलैंड यार्ड (पुलिस) की जांच पूरी नहीं हो जाती. इस बीच जॉनसन को उम्मीद होगी कि ईस्टर की छुट्टी के बाद जब मंगलवार को संसद की बैठक शुरू होगी तो लोगों का ध्यान इस मुद्दे से हट कर अन्य मामलों पर चला जाएगा. उन्हें उम्मीद है कि संसद का जोर यूक्रेन में संघर्ष और उनकी दो दिवसीय भारत यात्रा सहित विभिन्न मुद्दों पर होगा.


जॉनसन ने अपनी भारत यात्रा से पहले कहा, ‘‘ निरंकुश राज्यों से हमारी शांति और समृद्धि को खतरा है, ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि लोकतंत्र और मित्र एक साथ रहें. एक प्रमुख आर्थिक शक्ति और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, भारत इस अनिश्चित समय में ब्रिटेन के लिए एक अत्यधिक मूल्यवान रणनीतिक भागीदार है.” उन्होंने कहा कि उनकी भारत यात्रा उन मुद्दों पर केंद्रित रहेगी जो दोनों देशों के लोगों के लिए वास्तव में मायने रखते हैं - रोजगार सृजन और आर्थिक विकास से लेकर ऊर्जा सुरक्षा और रक्षा तक.


शुक्रवार को पीएम मोदी से मिलेंगे जॉनसन
ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में जॉनसन की पहली यात्रा गुरुवार को अहमदाबाद में ब्रिटेन और भारत दोनों देशों में प्रमुख उद्योगों में निवेश की घोषणाओं के साथ शुरू होगी. इसके बाद वह शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए नई दिल्ली जाएंगे. दोनों पक्षों के अधिकारियों के अनुसार, जॉनसन इस साल की शुरुआत में शुरू हुई मुक्त व्यापार समझौता वार्ता में प्रगति के संबंध में भी इस यात्रा के दौरान चर्चा करेंगे.


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