काबुल: अफगानिस्तान की सरकार में पिछले कुछ दिनों से डिप्टी पीएम मुल्ला बरादर को लेकर अटकलों का बाजार गर्म था. बरादर कहीं दिख नहीं रहा था इसलिए सवाल उठ रहे थे कि उसकी मौत हो गई है. अब तालिबान की ओर से बरादर के इंटरव्यू का वीडियो ट्वीट किया गया है और उसकी मौत की खबरों का खंडन किया गया है. ये वीडियो अफगानिस्तान के सांस्कृतिक आयोग के मल्टीमीडिया ब्रांच के चीफ अमदुल्ला मुत्तकी ने ट्वीट किया है. 


इससे पहले मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने सोमवार को खुद एक ऑडियो संदेश में पुष्टि की कि वह जीवित है और घायल नहीं है. तालिबान के प्रवक्ता का कहना है कि तालिबान के डिप्टी पीएम मुल्ला अब्दुल गनी बरादर की हत्या की अफवाहें सच नहीं हैं. वह पिछले 2 सालों से हैबतुल्लाह अखुंदजादा के बारे में यही बात कह रहा है, लेकिन पिछले 2 सालों में अब तक कोई भी नहीं उसे देखा या अब तक उससे सुना. इससे पहले की रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस के प्रमुख फैज हमीद, बरादर और हक्कानी समर्थित समूहों के बीच झड़प के बाद काबुल पहुंचा था, जिसमें बरादर घायल हो गया था.


कौन है मुल्ला अब्दुल गनी बरादर
मुल्ला अब्दुल गनी बरादर तालिबान का संस्थापक सदस्य है. वह अंतरिम तालिबानी सरकार में उप प्रधानमंत्री भी है. साल 2010 में पाकिस्तान की ISI ने उसे गिरफ्तार किया था. इसके बाद साल 2018 में उसे रिहा कर दिया गया. तालिबान में कई मदरसों का संचालन का जिम्मा उसके पास है. जानकारी के अनुसार, बरादर कतर की राजधानी दोहा में रहता है.


दरअसल, बरादर को कई दिनों तक सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है और वह तालिबान के उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं था, जो 12 सितंबर को काबुल में कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी से मिला था. कतर में स्थित तालिबान के एक वरिष्ठ सदस्य ने भी विवाद और गरमागरम बहस की रिपोर्ट की पुष्टि की है.


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