पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान एक बार फिर तालिबान के पैरोकार बनते नजर आए हैं. अंतरराष्ट्रीय मीडिया को दिए इंटरव्यू में इमरान खान ने कहा है कि तालिबान को समय देना चाहिए. हालांकि तालिबान के बचाव में इमरान खान कुछ ज्यादा इमोशनल हो गए और अपने पालतू हक्कानी नेटवर्क को आतंकी संगठन की जगह अफगानी कबीला बताया है. इस बयान के बाद इमरान अपने देश में घिर गए हैं. इमरान ने कहा है कि हक्कानी एक पश्तून कबीला है जो अफगानिस्तान में रहता है.


हक्कानी नेटवर्क संयुक्त राष्ट्र की आतंकी लिस्ट में शामिल है. गलत बयानी को लेकर पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने इमरान खान को ट्विटर पर घेरा है. हामिद मीर ने लिखा, ''हक्कानी कबीला नहीं है. खैबर पख्तूनख्वा में खटक के दारुल उलूम हक्कानिया अकोरा के सभी स्टूडेंट हक्कानी कहलाते हैं जिसमें जलालुद्दीन हक्कानी भी शामिल है, जिसने अफगानिस्तान में सोवियत की हार में अहम भूमिका निभाई.''


हक्कानी नेटवर्क का मुखिया सिराजुद्दीन हक्कानी, जिसे अफगानिस्तान की सरकार में इंटीरियर मिनिस्टर बनाया गया है. हक्कानी को यह पद दिलाने के लिए खुद आईएसआई चीफ अफगानिस्तान पहुंचे थे और उन्होंने बरादर से यह साफ कर दिया था कि यदि बेरोकटोक शासन चलाना है तो हक्कानी को इंटीरियर मिनिस्टर बनाना ही होगा. खुफिया रिपोर्टो के मुताबिक, हक्कानी ने पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर निवेश भी किया हुआ है और उसने पाकिस्तान खुफिया एजेंसी से आईएसआई से यह आश्वसाशन भी लिया हुआ है कि किसी भी परिस्थिति में उसके परिवार पर कोई आंच नहीं आएगी. 


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