Afghanistan News: तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में मौजूद पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के भाई और राजनेता हसमत गनी से एबीपी न्यूज़ ने खास बातचीत की है. हसमत गनी ने कहा है कि अब तालिबानी राज कुबूल करने के अलावा हमारे पास और कोई चारा नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर अशरफ गनी देश छोड़कर नहीं जाते तो उनकी हत्या हो जाती.


अमरुल्लाह सालेह को राष्ट्रपति बनाने की थी योजना- हसमत


हसमत गनी ने कहा कि अशरफ गनी को मारने की पूरी योजना बनाई जा चुकी थी. गनी को मारकर अमरुल्लाह सालेह को राष्ट्रपति बनाने की भी योजना थी. उन्होंने कहा कि सालेह और उनकी रेजिस्टेंस फोर्स कुछ नहीं कर सकती. अगर कर पाते तो यूं भागते नहीं. तालिबान के आने पर यह लोग काबुल में टिक नहीं पाए.


हसमत गनी ने बताया कि अहमद मसूद के साथ हमने बात की है. हमारी कोशिश है कि अब एक सरकार बने, जिसमें सभी वर्गों की नुमाईंदगी हो. बहुत खून खराबा हो चुका है. हम अलग अलग कबीलों के सरदार प्रयास कर रहे हैं कि अफ़ग़ानिस्तान में जल्द एक निजाम कायम हो. उन्होंने ने कहा कि अफगानिस्तान में आम लोगों के हालात बहुत खराब हैं. अधिकतर लोग दिहाड़ी पर काम करते हैं. उनके पास रोज़गार नहीं हैं. ऐसे में वो लोग कैसे काम करेंगे. आटा-रोटी जैसी चीजों के दाम भी क़ई गुना बढ़ गए हैं. ऐसे में तो आम आदमी का बसर मुश्किल है.


तालिबान अन्य लोगों को साथ लेते हुए सरकार बनाए- हसमत


हसमत गनी ने आगे कहा, ‘’मैं तालिबान के साथ शामिल नहीं हो रहा हूं, लेकिन उनका राज कुबूल करने के अलावा हमारे पास चारा क्या है? दुनिया ने हमारा साथ छोड़ दिया है. इतना ज़रूर है कि हम इस बात की कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द तालिबान अन्य लोगों को साथ लेते हुए सरकार बनाए.’’ उन्होंने कहा कि मुल्क चलाने के लिए तालिबान को भी पेशेवरों की ज़रूरत होगी. साथ ही वो भी पिछली बार सरकार चलाकर यह समझ गए कि अंतरराष्ट्रीय समर्थन के बिना आगे बढ़ना मुमकिन नहीं है. इसीलिए हमने तालिबान नेताओं को भी सलाह दी है कि वह सब को साथ लेने की कोशिश करें.


तालिबान और लुटेरों में फर्क करना मुश्किल- हसमत


गनी ने कहा कि बीते दिनों जेलों से बड़ी संख्या में अपराधी भी छूट गए हैं. ऐसे में बंदूक लेकर तालिबान के नाम पर यह अपराधी भी लूटपाट कर रहे हैं. हमने तालिबान नेतृत्व को कहा है कि अपने लोगों को कुछ यूनिफार्म या पहचान दें ताकि तालिबान और लुटेरों में फर्क हो सके.


हसमत गनी ने कहा कि तालिबान का नेतृत्व पाकिस्तान में खड़ा हुआ यह बात किसी से छिपी नहीं है. अमेरिका यह बात जानता है, भारत यह बात जानता है, पूरी दुनिया इससे वाकिफ है तो फिर इन तमाम शक्तियों ने क्यों कुछ नहीं किया? हमें अब बड़े मुल्क के आपसी झगड़े का अखाड़ा नहीं बनना है. आखिरकार इसमें अफगान लोग ही नुकसान उठा रहे हैं.


अफगानिस्तान से भारत गए लोगों को वीजा एक्सटेंशन दें सरकार- हसमत


हसमत गनी ने कहा कि दोस्त अमेरिकी जनता का नहीं बल्कि डॉनल्ड ट्रंप और जो बिडेन जैसे उसके नेताओं का है. अफगानिस्तान के लोग यह समझते हैं कि अमेरिका इन नेताओं ने उन्हें मझधार में छोड़ दिया है. भारत सरकार से यही अपील है कि अपने यहां आए अफगान नागरिकों का ध्यान रखें. उन्हें जरूरी हो तो वीजा एक्सटेंशन दें. इसके अलावा जो अफगान सिख और हिंदू पहुंचे हैं, उन्हें भी सलामती से रखा जाए इसके लिए हम भारत को सलाम करते हैं.


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