मंगोलिया में बुबोनिक प्लेग से 15 वर्षीय बच्चे की मौत के बाद हड़कंप मच गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पश्चिमी मंगोलिया के गोवि-अल्ते प्रांत में रविवार को लड़के में बीमारी के लक्षण जाहिर हुए थे. इलाज के लिए उसे अस्पाल ले जाया जा रहा था इसी दौरान उसकी मौत हो गई.


बुबोनिक प्लेग से मासूम की जान


शुरू में ब्लैक डेथ के कारण उसकी मौत होने का संदेह जताया गया था. सोमवार को लैब टेस्ट के नतीजे में उसकी पुष्टि हुई. मंगोलिया स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता दोर्ज नारान्गेल ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया, "सोमवार की रात पोलीमरेज चेन रिएक्शन (PCR) टेस्ट से खुलासा हुआ कि लड़के की मौत का कारण बुबोनिक प्लेग था."


17 लोगों को किया गया आइसोलेट


अधिकारियों का कहना है कि 15 वर्षीय बच्चे के संपर्क में आए उसके दो दोस्तों और 15 लोगों को आइसोलनेशन में कर दिया गया है. गौरतलब है कि मंगोलिया चीन का हिस्सा है. एक हफ्ता पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया था कि मंगोलिया के अंदरुनी क्षेत्र में बुबोनिक प्लेग मामले की मॉनिटरिंग कर रहा है.


महामारी को मध्य काल में कहा जाता था ब्लैक डेथ


5 जुलाई को चीन के बयन्नुर में बुबोनिक प्लेग का संदिग्ध मामला सामने आने के बाद अलर्ट जारी किया गया था. शिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक मंगोलिया के खोद प्रांत में बुबोनिक प्लेग के दो संदिग्ध मामले सामने आए थे. दोनों भाई खरगोश का मांस खाने के बाद बीमार पड़ गए थे. हालांकि ये पता नहीं चल पाया था कि बीमारी का संक्रमण कैसे फैला? आपको बता दें कि मध्य काल में बुबोनिक प्लेग महामारी को ‘ब्लैक डेथ’ के नाम से जाना जाता था. WHO के मुताबिक बुबोनिक प्लेग के लक्षणों में अचानक बुखार आना, ठंड लगना, सिर और शरीर में दर्द, कमजोरी, उल्टी और मतली शामिल होते हैं.


भगवान राम पर टिप्पणी करने को लेकर घिरे नेपाल के PM ओली, पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा- सारी हदें पार की


नेपाल के पीएम ओली ने भगवान राम को लेकर दिया था विवादित बयान, अब विदेश मंत्रालय ने दी सफाई