भारत और ब्रिटेन लंबे समय से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बात कर रहे हैं. इस संबंध में ब्रिटिश हाई कमिश्नर एलेक्स एलिस ने बड़ा बयान देते हुए, दिवाली तक दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पूरी होने की संभावना जताई है. ऐसे में यह दोनों आर्थिक महाशक्तियों के लिए बहुत अच्छा साबित हो सकता है. यह आर्थिक ग्रोथ को बढ़ावा देने के साथ ही दोनों देशों में नए रोजगार के अवसर पैदा करने में भी मदद कर सकता है. भारत-ब्रिटेन फ्री ट्रेड समझौता आखिर है क्या और भारत के लिए इसका क्या अर्थ है? 


क्या है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट? 
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट दो या फिर इससे ज्यादा देशों के बीच उत्पादों और सेवाओं के आयात और निर्यात में रुकावटों को कम करने के लिए समझौता है. इस समझौते से व्यवसाय करने वाले दोनों देशों को फायदा होता है. फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में कोटा, टैरिफ, सब्सिडी या फिर प्रतिबंध को कम किया जाएगा जो सीमाओं के पार वस्तुओं और सेवाओं के लाने ले जाने की सीमित कर सकता है. वहीं फ्री ट्रेड एग्रीमेंट दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार की अनुमति दे सकता है. इस एग्रीमेंट में सेवाएं, निवेश, सामान, बौद्धिक संपदा, प्रतिस्पर्धा, सरकारी खरीद और अन्य क्षेत्र शामिल हो सकते हैं.   


दिवाली तक हो सकता है एग्रीमेंट
ब्रिटिश हाई कमिश्नर ने कहा कि दिवाली के खास मौके पर दोनों देशों के लोगों को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का गिफ्ट मिल सकता है. ब्रिटिश हाई कमिश्नर के साथ ही इस कार्यक्रम में कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री के ज्वाइंट सेक्रेटरी राजेंद्र रत्नू ने कहा कि इस फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की जल्द पूरी होने की संभावना है. दोनों देशों ने इस मामले पर दिल खोलकर सकारात्मकता दिखाई है. इस एग्रीमेंट के अधिकांश मुद्दों पर दोनों देशों के बीच सहमति बन चुकी है और इस एग्रीमेंट पर अक्टूबर में दिवाली से पहले समझौता होने की उम्मीद जताई जा रही है. इस एग्रीमेंट से दोनों देशों के बीच व्यवहार बेहतर होगा और यह दोनों के हित में भी होगा.


वहीं ज्वाइंट सेक्रेटरी राजेंद्र रत्नू ने इस दौरान यह भी बताया कि इस फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से भारत के एक्सपोर्ट सेक्टर में ग्रोथ दर्ज होगी. इसके साथ ही देश की लेबर इंसेंटिव सेक्टर जैसे प्रोसेस्ड एग्रो, लेदर, टेक्सटाइल और ज्वेलरी प्रोडक्ट्स को भी बहुत बढ़ावा मिलेगा. जबकि इससे देश में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.


ध्यान देने वाली बात ये है  फ्री ट्रेड एग्रीमेंट एक इंटरनेशनल कानून है जिसके मुताबिक दो या दो से अधिक देश एक दूसरे के बीच व्यापार को बढ़ाने के लिए इंपोर्ट-एक्सपोर्ट की दिक्कतों को दूर करने की कोशिश करते हैं. इसके लिए उनके बीच में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर होते हैं.


दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने पर जोर
भारत और ब्रिटेन के बीच फिलहाल 50 बिलियन डॉलर का ट्रेंड हो रहा है, जिसे बढ़ाकर 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है. भारत और ब्रिटेन का ट्रेड अधिकतम सर्विस सेक्टर पर निर्भर करता है, जो कि कुल ट्रेड का 70 फीसदी हिस्सा है. भारत यूके का 12वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है. वहीं यूके भारत का 7वां सबसे बड़ा निर्यातक देश है. ऐसे में दोनों देश फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के जरिए व्यापार में होने वाली परेशानी को दूर करके अपनी आर्थिक ग्रोथ में तेजी लाना चाहते हैं.


भारत-ब्रिटेन के लिए जरूरी
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भारत और ब्रिटेन के लिए काफी महत्वपूर्ण है. दरअसल, यह तमाम व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा. वहीं दोनों देश जनवरी 2022 में बातचीत करने पर सहमत हुए थे, इसके बाद बात सकारात्मक होती चली गई. इसका मुख्य उद्देश्य ट्रेड और निवेश संबंधों को आगे बढ़ाना है. बता दें कि दोनों देशों के बीच बातचीत का 5वां दौर 29 जुलाई को पूरा हुआ था.  


भारत का इन देशों के साथ समझौता
बता दें कि भारत के अप्रैल 2022 तक दक्षिण एशियाई फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भूटान, नेपाल, थाईलैंड, सिंगापुर, जापान और मलेशिया सहित 13 फ्री ट्रेड एग्रीमेंट थे. मगर, 13 में से पिछले पांच सालों के दर्मियान यूएई, मॉरिशस और ऑस्ट्रेलिया से साथ हुए समझौते भी शामिल हैं. वहीं 6 सीमित ट्रेड समझौतों पर भी साइन किए गए हैं.