Successfuul Farmers: सोशल मीडिया के दौर में अब लोग सोते, बैठते, खाते-पीते, काम करते या सोते हुये भी वीडियो ब्लॉगिंग (Video Blogging) करने का ट्रेंड चल पड़ा है. अभी तक तो यह ट्रेंड सिर्फ मनोरंजन के लिये अपनाया जाता था, लेकिन सांगली (महाराष्ट्र) के दो युवा किसानों ने खेती-किसानी की यूट्यूब ब्लॉगिंग (Agriculture Blogging) करके जैसे खेती की तस्वीर ही बदल दी है. आज आकाश और संतोष ना सिर्फ आधुनिक तकनीकों को अपनाककर खेती कर रहे हैं, बल्कि अपने यूट्यूब चैनल के जरिये देश के लाखों किसानों तक जुड़ चुके हैं. ये दोनों इंडियन फार्मर (Indian Farmer on Youtube)आज विभिन्न फसलों की खेती के लिये नई तकनीकों की अपनाकर आज लाखों किसानों के आदर्श बनते जा रहे हैं. 


नौकरी-बिजनेस छोड़ शुरू की खेती
महाराष्ट्र के सांगली में रहने वाले संतोष और आकाश मिलकर खेती की पुरानी तस्वीर को बदलने के लिये काम कर रहे हैं. जहां आज के युवा डॉक्टर, इंजीनियर या आईएएस ऑफिसर बनने का सपना देख रहे हैं. वहीं सांगली के इंडियन फार्मर्स ने नौकरी और फैमली बिजनेस को छोड़कर खेती को चुना. बता दें कि इंडियन फार्मर बनने से पहले 28 साल के युवा संतोष जाधव गोल्ड रिफाइनरी के फैमली बिजनेस हाथ बटाटे थे. वहीं उनके दोस्त आकाश भी इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद फिल्म मेकिंग या यूट्यूब में करियर बनाना चाहते थे.


ऐसे में दोनों दोस्तों ने मिलकर साल 2018 में इंडियन फार्मर नाम से यूट्यूब चैनल शुरू किया और इस यूट्यूब चैनल के जरिये ये दोनों दोस्त 30 साल से ज्यादा किसानों को जोड़ चुके हैं. एक तरफ संतोष जाधव नई तकनीकों से खेती-किसानी करके कृषि कार्यों और नई तकनीकों की जानकारी देते हैं तो वहीं आकाश अपना पूरा तकनीकी सहयोग देकर वीडियो रिकॉर्डिंग ब्लॉगिंग (Agriculture Influencer) में संतोष की मदद करते हैं. आज इंडियन फार्मर सिर्फ ब्लॉगिंग ही नहीं, बल्कि गांव के कई किसानों और युवाओं को रोजगार भी दे रहे हैं. 




खेती के साथ-साथ यूट्यूब से भी कमाई
संतोष और आकाश का खेती के साथ-साथ यूट्यूब ब्लॉगिंग (Youtube Blogging) करने का सफर आसान नहीं था. दोनों के समृद्ध परिवारों को कमाई और करियर दोनों की चिंता लगी रहती थी, लेकिन धीरे-धीरे इन दोनों युवाओं ने खेती के साथ-साथ वीडियो डालने शुरू किया. इनका सबसे पहले वीडिया बनाया प्लास्टिक मल्चिंग बिछाने वाला, जिसे किसानों ने खूब पसंद किया. फिर क्या धीरे-धीरे इनके यूट्यूब चैनल से 60 हजार लोग जुड़ गये और आज ये 3 लाख किसान सब्सक्राइबर्स के साथ 2 लाख रुपये प्रति माह की कमाई कर रहे हैं.


बता दें कि इंडियन फार्मर यूट्यूब चैनल पर एग्रीटैक कंपनियों के प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज की मार्केटिंग होती ही है, साथ ही किसानों तक इनके इस्तेमाल की जानकारी भी दी जाती है. किसी नये किसान की तरह ही इन दोनों युवाओं को भी खेती के साथ-साथ ब्लॉगिंग (Agriculture Blogging) करने में समस्यायें आईं, लेकिन कभी तपती धूप, तो कभी बारिश और पाले में भी खेती के साथ-साथ वीडियो रिकॉर्डिंग चालू रही. इन्हीं संघर्षों का परिणाम है कि आज ये आकाश और संतोष ने खेती-किसानी को नये आयाम दिये हैं. इनसे प्रोरित होकर लाखों किसान आधुनिक खेती की तरफ अग्रसर हो रहे हैं.




इंडियन फार्मर का फ्यूचर प्लान
अकसर लोगों की सोच होती है कि किसान गरीब होते हैं, वो अच्छी लाइफ स्टाइल के साथ आधुनिक खेती की तकनीकों को नहीं सीख पाते, लेकिन संतोष जाधव और उनके दोस्त आकाश ने लोगों की इस गलत धारणा को काफी हद तक बदल दिया है. संतोष बताते हैं कि तकनीक, कम्यूनिटी और जेनेरेशन को मिलाकर कृषि कार्य किये जाये तो खेती में क्रांति ला सकते हैं. इससे खेती के प्रति लोगों का नजरिया बदलेगा ही, साथ किसानों की कौम को भी विकास की तरफ ले जा सकते हैं. संतोष जाधव मानते हैं कि किसानों के पास काफी नोलेज होती है, लेकिन उसे समेटकर या कैद करके रखने के बजाय शेयर करना चाहिये, जिससे गांव और देहात का विकास हो सकता है.


इतनी सफलता हासिल करने के बावजूद अभी आकाश और संतोष यही नहीं रुके, बल्कि नये फ्यूचर प्लान पर काम कर रहे हैं. ये दोनों किसान मित्र अब ऐसा ईकोसिस्टम बनाना चाहते हैं, जिसमें एग्रिकल्चर सेक्टर (Agriculture Sector) से जुड़े लोग और कृषि विशेषज्ञों से मदद लेकर बेहतर काम किया जा सके. आकाश बता दें कि वे संतोष के साथ मिलकर यूट्यूब वीडियो के जरिये ज्यादा से ज्यादा कृषि तकनीकों को किसानों तक पहुंचाना चाहते हैं, जिससे दूसरे लोग भी यूट्यूब और कृषि तकनीकों से जुड़कर खेती के इंजीनियर बन सकें. नई तकनीकों के साथ-साथ आधुनिक खेती और इसकी यूट्यूब वीडियो ब्लॉगिंग (Agriculture on Youtube) करके आज सांगली, महाराष्ट्र के आकाश और संतोष (Akash & Santosh Jadhav, Sangali Maharashtra)  पूरे किसान समुदाय और अपने जैसे युवाओं को खेती के लिये प्रोत्साहित कर रहे हैं. 


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. 


इसे भी पढ़ें:-


What is PM PRANAM scheme: PM प्रणाम योजना से किसानों के साथ-साथ राज्य सरकारों की भी होगी मदद


Subsidy Offer: पराली न जलाएं बल्कि पैसे बचाएं किसान, पराली मैनेजमेंट के लिए मिलेंगे प्रति एकड़ 1,000 रुपये