लखनऊ: उत्तर प्रदेश में घटते लिंग अनुपात पर असरदार ढंग से रोक लगाने के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार ने आज 'मुखबिर योजना' की शुरुआत की. इसके तहत तहत बेटियों को जन्म लेने से रोकने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.


इस योजना के तहत ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करके उन्हें कानून के शिकंजे में लाया जाएगा, जो तकनीक का दुरुपयोग कर यह गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग का पता लगाकर बेटियों को जन्म लेने से रोक रहे हैं.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''घटता हुआ लिंगानुपात आज समाज की एक ज्वलंत समस्या है. इसे देखते हुए राज्य सरकार की तरफ से 'मुखबिर योजना' का शुभारंभ किया गया है. घटते लिंगानुपात को रोकने के लिए जागरुकता और कानून की आवश्यकता है''. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटियों पर होने वाले भेदभाव को खत्म करने और बेटियों को उनका हक दिलाने के लिए 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना शुरू की है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि लिंग परीक्षण करके बालिका भ्रूण हत्या रोकने का काम लोगों की सहायता के बिना संभव नहीं है. इसके लिए राज्य सरकार ने 'मुखबिर योजना' शुरू की है. लिंग चयन और लिंग चयन के बाद विशेष लिंग की भ्रूण हत्या के अवैध कार्य से जुड़े लोगों और संस्थाओं की गोपनीय तरीके से जांच की जाए. ऐसे लोगों और संस्थाओं को डिक्वाय ऑपरेशन के जरिए मिली जानकारी के आधार पर सजा दी जाएगी.


मुख्यमंत्री ने कहा कि 'मुखबिर योजना' में आम जनता की मदद मिलने से उन डॉक्टरों में डर पैदा होगा जो बेटी के जन्म लेने से पहले ही भ्रूण हत्या करते हैं. इस योजना के जरिए घटते लिंग अनुपात पर रोक लगेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुछ जनपदों में लिंगानुपात बहुत कम है वहां पर शॉर्ट फिल्म, नाटक, सेमिनार जैसे कार्यक्रमों के जरिए लोगों के बीच जनजागरुकता अभियान चलाया जाएगा.


योगी ने कहा कि महिलाओं को सम्मान देने वाला समाज ही प्रगति कर सकता है. महिलाओं को सुरक्षा और भयमुक्त वातावरण उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से गंभीर है. मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर 181 महिला हेल्पलाइन के 64 बचाव गाड़ियों को रवाना किया और कन्या भ्रूण हत्या रोकने लिए 'मुखबिर योजना' का शुभारम्भ किया.