नई दिल्ली: दिल्ली के चुनावी नतीजों ने फिर से चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को चर्चा का केंद्र बना दिया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का विरोध करने को लेकर प्रशांत किशोर को जनता दल (युनाइटेड) से बाहर का रास्ता दिखा दिया. ऐसे में सवाल है कि क्या बिहार विधानसभा चुनाव प्रशांत किशोर के लिए अगली रणभूमि होगी, जिन्हें लुभाने की कोशिश राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) द्वारा की जा रही है.


बिहार में इस साल अक्टूबर और नवंबर में चुनाव होने की संभावना है, जहां पीके और उनकी कंसल्टेंसी फर्म इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) ने 2015 के चुनावों में नीतीश के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. आरजेडी के सीनियर पदाधिकारी ने नाम नहीं जाहिर पर कहा कि अब तक प्रशांत किशोर को पार्टी में लाने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा, "लेकिन 29 जनवरी को पार्टी से निकाले जाने के बाद तेजप्रताप यादव ने किशोर को खुलेआम ऑफर दिया है." उन्होंने आगे कहा कि पीके को लाने का फैसला लालू यादव पर निर्भर है, जो चारा घोटाला मामले में रांची में जेल की सजा काट रहे हैं.


आरजेडी के एक दूसरे नेता ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा, "सीएए और एनआरसी के विरोध को लेकर किशोर के जेडीयू से निकाले जाने से पर यह आरजेडी और पीके दोनों के लिए मरहम का काम कर सकता है." उन्होंने कहा, "इसलिए हमें उम्मीद है कि लालूजी तेजस्वी और तेजप्रताप दोनों को किशोर राजद के साथ लाने के लिए मार्गदर्शन करेंगे."


पार्टी नेता ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान एनडीए द्वारा क्लीन स्वीप किया गया. एनडीए ने 40 संसदीय सीटों में 39 पर जीत दर्ज की. यह साफ तौर पर साक्ष्य देता है कि नीतीश-मोदी की जोड़ी इस हिस्से में सफलता हासिल कर सकती है. उन्होंने कहा, "नीतीश-मोदी-अमित शाह से एक साथ निपटने के लिए कांग्रेस व राजद को जीत के फॉर्मूले के लिए एक रणनीतिकार की जरूरत है." पीके इसमें पूरी तरह से वहां फिट बैठते हैं.


इस साल की शुरुआत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया कि बिहार विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. प्रशांत किशोर आप के लिए दिल्ली चुनाव की रणनीति तैयार की थी, जिसमें उन्होंने आप सरकार के द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में काम को दिखाने पर अपना ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने खासकर स्कूलों के स्वीमिंग पुलों और मोहल्ला क्लीनिक पर ज्यादा ध्यान दिया.


आई-पैक सूत्रों ने बताया कि आप के थीम सांग 'लगे रहो केजरीवाल' ने भी सरकार के कामों को दर्शाया, जिसे बॉलीवुड के संगीतकार विशाल डडलानी ने कंपोज किया था. प्रशांत किशोर की आई-पैक ने इससे पहले 2015 में बिहार नीतीश कुमार की जदयू पार्टी के प्रचार अभियान का जिम्मा संभाला था. इसके साथ ही उन्होंने 2017 में पंजाब और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए, वर्ष 2019 में पश्चिम बंगाल उपचुनाव के लिए और 2019 में आंध्र प्रदेश में वाइएस जगनमोहन रेड्डी की वाइएसआर कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान संभाली थी.