लखनऊ: उत्तर प्रदेश की विधानसभा में 12 जुलाई को मिला संदिग्ध पाउडर विस्फोटक नहीं था. ये चौंकाने वाला खुलासा संदिग्ध पाउडर की जांच करने वाली आगरा फॉरेंसिक लैब की एक्सप्लोसिव रिपोर्ट में हुआ है. पहले सरकार की तरफ से बताया गया था कि विधानसभा में मिला संदिग्ध पाउडर PETN यानी बेहद खतरनाक प्लास्टिक विस्फोटक है.


हालांकि, सरकार अब भी इस संदिग्ध पाउड को विस्फोटक नहीं मानने से इनकार कर रही है. सरकार का कहना है कि शुरुआती जांच के बाद संदिग्ध पाउडर में PETN विस्फोटक मिलने की पुष्टि हुई थी.


एबीपी न्यूज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आगरा फॉरेंसिक लैब की एक्सप्लोसिव रिपोर्ट में बताया गया है कि विधायक की सीट के नीचे से मिले पाउडर में विस्फोटक नहीं है. इस पाउडर की जांच लैब के चार वरिष्ठ वैज्ञानिकों की टीम ने की थी.


लैब के डिप्टी डायरेक्टर एके मित्तल की अगुवाई में इस पाउडर की जांच हुई है. लैब रिपोर्ट के मुताबिक, पाउडर में किसी भी विस्फोटक के कण नहीं मिले हैं. इस जांच टीम में विस्फोटक जांच के एक्सपर्ट भी शामिल थे.


विधानसभा में ये विस्फोटक मिलने की जानकारी के बाद यूपी एटीएस ने इसके नमूने आगरा और हैदराबाद भेजे थे. आगरा की लैब ने अपनी रिपोर्ट पुलिस के बड़े अफसरों को भेजी है. अब सरकार की किरकरी होते बड़े अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है. अधिकारी लैब की अधिकारिक रिपोर्ट नहीं मिलने का बहाना दे रहे हैं.


यूपी सरकार ने दी सफाई


संदिग्ध पाउडर में विस्फोटक नहीं मिलने की एबीपी न्यूज़ की खबर पर यूपी सरकार ने सफाई दी है. सरकार ने कहा है कि यूपी विधानसभा में मिले पाउडर को जांच के लिए आगरा की फ़ॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी में भेजा ही नहीं गया था, क्योंकि उनके पास ये टेस्ट करने की सुविधा ही नहीं है. सरकार का कहना है कि लखनऊ की फॉरेंसिक साइंस लैब ने 14 जुलाई को की गई शुरुआती जांच के बाद संदिग्ध पाउडर में PETN विस्फोटक मिलने की पुष्टि की थी.


यूपी विधानसभा में विस्फोटक मिलने के बाद विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे एक आतंकी साजिश का हिस्सा बताया था. उन्होंने इस घटना की जांच एनआईए से कराने की बात कही थी. सीएम योगी ने कहा था कि एनआईए से इस घटना की जांच कराने के बाद अपराधी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल एनआईए और यूपी एटीएस इस मामले की जांच कर रही हैं.