लखनऊ, शैलेश अरोड़ा:  69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक की जांच STF को सौंपी गई है. वहीं, इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जो आदेश दिया उसे लेकर राज्य सरकार अपना पक्ष कोर्ट में रखेगी. वहीं, इस मामले में बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने विपक्ष पर भर्ती प्रक्रिया डिरेल करने की कोशिश का आरोप लगाया है.


11 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी


मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा है कि योगी सरकार ने एक तरफ कोरोना से जंग लड़ी, तो दूसरी तरफ 69 हजार को रोजगार देने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि तीन जून से काउंसलिंग थी, लेकिन कोर्ट इसपर रोक लगा दी है. मामले में हम डबल बेंच भी गए. उन्होंने कहा कि कहा कि प्रयागराज का एक विद्यालय जो परीक्षा केंद्र था, वहां से गड़बड़ी की शिकायत आई. राहुल नाम के अभ्यर्थी ने मई 2020 में शिकायत की थी. जिसमें कहा था कि किसी ने उससे भर्ती कराने के नाम पर पैसा लिया है. फरवरी से मई के बीच परिणाम पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. उन्होंने बताया कि अब तक 11 लोगों की इस मामले में गिरफ्तारी हो चुकी है.


STF को सौंपी गई जांच


उन्होंने बताया कि पंचम लाल आश्रम उच्चतर माध्यमिक स्कूल प्रयागराज के साथ सांठ गांठ का भी मामला सामने आया है. अब इस मामले की जांच STF को सौंप दी गई है. अगर जांच में आया कि कोई गड़बड़ी करके मैरिट में आया, तो उसपर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्र को भविष्य में होने वाली किसी भी भर्ती परीक्षा के लिए डिबार किया गया है.


पूर्व की सरकारों को घेरा


मंत्री ने कहा कि सामान्य वर्ग की अभ्यर्थी जिसका सरनेम तिवारी है, उसके OBC में आने का भी आरोप लगाया गया है. अभी किसी की नियुक्ति नहीं हुई है. काउंसलिंग इसीलिए होती कि ऐसी गड़बड़ियां रुक जाएं. लोग भ्रम फैला रहे हैं कि 50 फीसदी अनारक्षित की सीटों में सिर्फ सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी थे. ऐसा नहीं है, आरक्षण व्यवस्था नियमानुसार लागू हुई है. वहीं, मंत्री ने भर्तियों में फर्जीवाड़े को लेकर पिछली सरकारों को भी घेरा. उन्होंने कहा कि हमारे पहले की सरकारों में फर्जी शिक्षकों की भर्ती होती थी. हमारी सरकार ने SIT को जांच सौंपी है. अब तक 17,001  फर्जी शिक्षकों की सेवा समाप्त की जा चुकी है.


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