लखनऊ: अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के विवाद को सुलझाने को लेकर अखाड़ा परिषद और शिया वक्फ बोर्ड के बीच सहमति बन गई है. शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महेंद्र गिरि से मुलाकात की है. उधर, बातचीत के जरिए अयोध्या विवाद को सुलझाने की कोशिश में जुटे श्री श्री रविशंकर भी अयोध्या जाने की तैयारी में हैं. वे लगातार धर्मगुरुओं से मुलाकात कर साझा सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं.


अयोध्या विवाद सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और इस मसले को कोर्ट से बाहर हल करने के लिए श्री श्री रविशंकर ने हिंदू महा सभा के अध्यक्ष  स्वामी चक्रपाणि और मौलाना अंसार रजा के साथ बैठक की. बैठक के बाद रविशंकर ने कहा कि वो अपनी पहल को लेकर हो रही आलोचनाओं की फिक्र नहीं करते और जल्द ही अयोध्या भी जाएंगे.



अखाड़ा परिषद और शिया वक्फ बोर्ड के बीच विवाद खत्म करने को लेकर सहमति बन गई है. शिया वक्फ बोर्ड अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए राजी है. वसीम रिजवी के फार्मूले को सुन्नी समुदाय के प्रतिनिधियों और केस के पक्षकार हाशिम अंसारी के परिवार ने सिरे से खारिज कर दिया, जिसके बाद वसीम रिजवी ने उन पर माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया.


कब से होगी केस की सुनवाई? 


- सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए तीन जजों की पीठ गठित की है


- सुप्रीम कोर्ट 5 दिसंबर से अयोध्या विवाद पर रोजाना सुनवाई करेगा


- ये पीठ अयोध्या भूमि विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करेगा


- इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 2010 में अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाया था


- जिसमें भूमि को तीन बराबर हिस्सों में बांटकर इसे सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला को सौंपने का आदेश दिया था


ये मामला 1949 से अदालत में है. अब एक बार फिर से चर्चा में है और नए मोड़ पर पहुंच चुका है.