पटना: राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने बिहार की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लिया. उन्होंन कहा कि बिहार की वर्तमान स्थिति बेहद ही खराब होती जा रही है. पटना जलजमाव को लेकर सीएम पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि दो से तीन दिनों की बारिश ने सरकार की सारी पोल खोल दी. सारे सरकारी सिस्टम इस जलजमाव में फेल नजर आए. आखिर नीतीश कमार इस नाकार सिस्टम के लिए अपने आप को जिम्मेदार क्यों नहीं मानते हैं.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जमीन की रजिस्ट्री में सरकार ने खर्चा बढ़ा दिया है. पूरे प्रदेश में साढ़े नौ लाख दाखिल खारिज लंबित हैं. वहीं जमाबंदी रसीद की वजह से रजिस्ट्री नहीं की जा सकेगी. इस वजह से सितंबर महीने में रजिस्ट्री कराने के लिए सैकड़ों लोगों की लाइन लगी हुई है. आरजेडी नेता ने कहा कि जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यह सरकार गरीब विरोधी सरकार है.

PoK में सेना की कार्रवाई पर कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह ने कहा- जब जब चुनाव होता है, सर्जिकल स्ट्राइक हो जाती है

आखिर नीतीश कुमार अब तक सोए क्यों हैं?

इसके अलावा विधि व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए रघुवंश प्रसाद में कहा कि आज बिहार में हर तरफ भगदड़ और कत्लेआम की स्थिति उत्पन्न है. जहां देखो लूटपाट, हत्या और रेप जैसे अपराध बढ़ते जा रहे हैं. अखबार के  पहले और दूसरे पन्नों में  सिर्फ और सिर्फ मर्डर, लूट और रेप जैसी खबरें ही छपती हैं. आखिर नीतीश कुमार अब तक सोए क्यों हुए हैं? आम जनता गौ की तरह हर चीज को सहन कर रही है लेकिन कभी-कभी शेर का रूप भी धारण करती है.

शराबंदी का मखौल खुद पुलिस वाले उड़ाते हैं

आरजेडी नेता ने कहा कि बिहार में शराबबंदी है लेकिन इसका मखौल खुद पुलिस वाले हैं उड़ाते हैं. कई पुलिस वालों के घर से लगातार शराब बरामद की जा रही है. हाल ही की घटना मुजफ्फरपुर में एक दरोगा के घर से शराब को बरामद किया गया. जब-जब जब्ती का आंकड़ा मांगा जाता है तो जब्ती के अनुसार शराब कम पाई जाती है. यह कह कर टाल दिया जाता है कि शराब चूहा पी गया. रघुवंश प्रसाद ने सवाल उठाया है कि जब बिहार में शराबबंदी होने के बावजूद शराब राज्य में कैसे आ जाता है.

गिरिराज सिंह के बदले सुर, कहा- बिहार में अगला विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा

शिक्षकों की कमी को लेकर नीतीश को घेरा

शिक्षा को लेकर रघुवंश प्रसाद ने कहा कि आज शिक्षकों की कमी की वजह से शिक्षा का स्तर दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है. माध्यमिक स्कूल हो या हाई स्कूल सभी जगहों पर शिक्षकों की भारी कमी पाई गई है. सरकारी स्कूलों में सिर्फ खिचड़ी का भोग लगाया जाता है. जहां पर पचास बच्च् होते हैं वहां डेढ़ सौ की संख्या दिखाई जाती है. यही बिहार सरकार की भ्रष्ट नीति है. हर तरफ लूट खसोट मचा हुआ है.

यह भी देखें