लखनऊ: भीमराव अम्बेडकर के नाम में 'रामजी' लगाने के यूपी सरकार के फैसले के खिलाफ बाबा साहेब के पोते प्रकाश अम्बेडकर अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि वे इस मामले में कानूनी सलाह ले रहे हैं.


टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक प्रकाश अम्बेडकर ने कहा,"हम कानूनी सलाह ले रहे हैं कि क्या इस मामले में यूपी सरकार के खिलाफ याचिका दाखिल की जा सकती है. उन्होंने कहा कि वे सरकार के इस निर्णय से सहमत नहीं हैं.


प्रकाश ने कहा,"बाबा साहेब और उनका परिवार कबीरपंथी थे और बाद में बौद्ध हो गए थे." हालांकि उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अपने हस्ताक्षर में पिता का नाम इस्तेमाल करते थे.


बीआर अम्बेडकर का मिडिल नेम 'रामजी' करने का यूपी सरकार के आदेश के बाद राज्यपाल राम नार्इक ने कहा कि बाबा साहब का नाम प्रदेश ही नहीं पूरे देश में सही लिखा जाए. उन्होंने कहा कि अम्बेडकर के नाम पर राजनीति करना गलत है. बता दें कि राम नाईक के सुझाव के बाद ही योगी सरकार ने बीआर अम्बेडकर का मिडिल नेम 'रामजी' करने का आदेश दिया था.


नाईक ने बताया कि बाबा साहब का नाम अंग्रेजी में डा. बी आर अम्बेडकर लिखा जाता है. लोग ‘बी’ को भीम और ‘आर’ को राव समझते है, जबकि ‘आर’ का मतलब राम है, जोकि उनके पिता का नाम था. लिहाजा, प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में बाबा साहब की तस्वीर लगाई जाये और उसके नीचे उनका पूरा नाम डा. भीमराव रामजी आंबेडकर लिखा जाए.