मेरठ: बागपत जेल में माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या जेल अफसरों की बड़ी लापरवाही का नतीजा मानी जा रही है. बागपत जेल को सीसीटीवी कैमरों से लैस करने के लिए प्रदेश सरकार ने बजट जारी किया था. कैमरे लगाने की आखिरी तारीख भी निकल गई मगर अफसरों की लापरवाही का सिलसिला नहीं टूटा.
प्रदेश सरकार ने संवेदनशील जेलों का सुरक्षाचक्र मजबूत करने के लिए इस साल की शुरूआत में 51 लाख रूपये का बजट अकेले सोनभद्र और बागपत जेल में सीसीटीवी कैमरे इन्सटॉल करने के लिए जारी किया था. कैमरे लगाने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2018 तय थी.
बावजूद इसके सुरक्षा को लेकर अफसरों की नींद नहीं टूटी और सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए आयी रकम सरकारी खाते में पड़ी रही. जबकि इसी मद में सोनभद्र जेल को मिली रकम से सीसीटीवी कैमरे लगवाये जा चुके हैं.
संवेदनशील जेल के गेट पर भी कैमरा नहीं
बागपत जिले की सीमा देश की राजधानी दिल्ली और हरियाणा से छूती है. उत्तराखंड नजदीक होने की वजह से तीनों राज्यों में अपराध करने वाले बदमाश इस लो-प्रोफाइल जिले में शरण पाते हैं. वर्तमान में भी कई नामी कुख्यात बागपत जेल में बंद है.
मुन्ना बजरंगी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा: सिर और सीने में करीब से मारी थीं गोलियां
जेल के बाहर होने वाली गतिविधियों पर नजर रखने के लिए गेट की दीवार पर तक सीसीटीवी कैमरा नहीं है. आइसोलेशन बैरक के बाहर लगा कैमरा कई महीनों से खराब पड़ा है और उसे सर्विस कराने की किसी भी अफसर से सुध नहीं ली.
पश्चिमी यूपी में है जेल अफसरों का अकाल
अपराध के लिए बदनाम वेस्ट यूपी में कानून-व्यवस्था हमेशा पुलिस के लिए चुनौती रहती है. ऐसे इलाके में जेल की सुरक्षा निर्धारण और समीक्षा के लिए करीब 6 महीने से कोई अफसर ही नहीं है. 6 महीने पहले पीके मिश्रा के तबादले के बाद से डीआईजी जेल की कुर्सी नये अफसर के इंतजार में खाली पड़ी हुई है.
आगरा के डीआईजी जेल संजीव त्रिपाठी अपने सर्किल के साथ-साथ वेस्ट यूपी की जेलों का प्रभार भी देख रहे हैं. ऐसा ही हाल बागपत जेल का है. मई 2016 में जेल की शुरूआत से लेकर अब तक नोएडा के जेल अधीक्षक के पास इस जेल का प्रभार रहा है.
वर्तमान में प्रभार देख रहे नोएडा जेल के सुपरिटेन्डेंट विपिन कुमार मिश्रा महीने में एकाध बार ही बागपत जेल आते थे. इस तरह से जेल की सुरक्षा ताक पर थी.
मेरठ जेल की भी है शिकायतें
जेल में मोबाइल फोन से अपराधियों की बातचीत और सलाखों के पीछे रहकर गिरोहों का संचालन नयी बात नहीं है. प्रदेश सरकार ने जेलों के अंदर से हो रहे अपराधों पर नकेल कसने के लिए सख्ती भी की. इस सख्ती का असर जमीनी तौर पर नहीं दिखता.
बागपत जेल में एडीजी के सामने बोला सुनील राठी- हां, मैंने ही किया था मुन्ना का कत्ल
हफ्ते भर पहले डीआईजी जेल मुख्यालय लवकुमार ने मेरठ जेल पर छापा मारकर लंबी जांच की थी. आठ घंटे के इस छापे में जेल में बंद करीब ढाई सौ कैदियों से डीआईजी ने पूछताछ की. जेल मुख्यालय को मेरठ जेल के बारे में गंभीर इनपुट मिले थे. छापे के बाद डीआईजी जेल लवकुमार जेल में लगे सीसीटीवी का 2 महीने का डेटा भी अपने साथ ले गये थे.